IAS नहीं बन पाने से बौखलाए आदमी ने माँ-बाप समेत 22 लोगों को तलवार से जख्मी किया।

तेलंगाना: कहते हैं जुर्म का कोई मजहब नहीं होता कातिल कोई ज़ात नहीं होती। इसी कहावत को सच करती एक वारदात हुई करीमनगर में जहाँ बलविंदर सिंह उर्फ़ बबलू उम्र 28 साल ने खून की होली खेली।  उसने तलवार से न सिर्फ अपने माँ बाप को बुरी तरह जख्मी कर दिया बल्कि घर से बाहर निकल कर हर उस शक्श पर भी तलवार से वार किया जो उसके रास्ते में आया। इस पागलपन या दरिंदगी की वजह पूछें तो वजह थी बलविंदर की अपनी नाकामी जिसकी वजह से वो सिविल सर्विसेज का इम्तेहान पास नहीं कर पा रहा था।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों और आरोपी के माता पिता ने बताया कि परीक्षा पास ना कर पाने की वजह से बौखलाए बलविंदर ने घर पर लड़ना शुरू कर दिया और इसी बीच तलवार लेकर अपनी माँ बेबी कौर और बाप अमृत सिंह पर वार कर दिया, उनको बुरी तरह जख्मी करने के बाद वो तलवार लेकर घर से बहार निकला और सड़क पर जो भी उसके सामने आया उसे तलवार से जख्मी करता चला गया। ऐसा करते हुए उसने उसे रोकने आये पुलिस कांस्टेबलों को भी नहीं बक्शा और उन पर भी हमला कर दिया जिस पर एक्शन लेते हुए पुलिस टीम ने उसे गोली मार दी।

बलविंदर उर्फ़ बबलू पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर और मजहब से सिख था।

आतंक का कोई धर्म नहीं होता; क्यूंकि न वो मुसलमान था, न ही ISIS।