IIIT इलाहाबाद: करोड़ों में बिक गए प्रोफेसर्स के पद, डायरेक्टर ने दिया इस्तीफा

इलाहबाद: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी(IIITA) में प्राध्यापकों की नियुक्ति में बड़ा घपला सामने आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल होने पर जब एक डायरेक्टर फंसने लगे तो इस्तीफा देकर आईआईटी कानपुर नौकरी करने चले गए। दो डायरेक्टरों के राज में हुई नियुक्तियों में पद बेच दिए गए। करोड़ों के खेल की बात कही जा रही। नियुक्तियों में न नियमों का ख्याल किया गया न ही हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश का अनुपालन। बोर्ड आफ मेंबर के उन सदस्यों के जरिए नियुक्तियों का आर्डर पास हुआ, जिनका कार्यकाल पहले ही बीत चुका था।

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इंडिया संवाद के अनुसार, यूपी के इस प्रमुख तकनीकी संस्थान में हुआ यह घपला चर्चा का वेषय है। शिकायतकर्ता डॉ. प्रवीण कुमार कहते हैं कि कई दफा उन्होंने शिकायत की मगर मिनिस्ट्री से लेकर संस्थान में कोई सुनने वाला नहीं है। मजबूरन हाई कोर्ट में मुकदमा करना पड़ा है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, 6अप्रैल 2013 को कुल 16 पदों पर नियुक्तियां शुरू हुईं। जनवरी 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डायरेक्टर एमडी तिवारी को हटाते हुए जीसी नंदी को डायरेक्टर का चार्ज दे दिया। डायरेक्टर बनते ही प्रो. नंदी ने नियुक्तियों की जांच के लिए डायरेक्टर एडवाइजरी कमेटी(डीएसी) बना दी। फिर एक फरवरी 2014 को बोर्ड ऑफ मेंबर की मीटिंग बुलाकर बीते 6 अप्रैल 2013 को हुई सभी नियुक्तियां रद कर दी।
नियम के मुताबिक अगर किसी एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर या किसी भी पद पर तैनात व्यक्ति को टर्मिनेट किया जाता है तो उससे पहले नोटिस जारी होती है। मगर इस मामले में संबंधित प्राध्यापकों को कोई शो काऊज नोटिस जारी किए बिना ही टर्मिनेट कर दिया गया।
नियुक्ति रद होने पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कुमार और डॉ. अनुरिका वैश्य ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की। डॉ. प्रवीण के मुताबिक केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बोर्ड ऑफ मेंबर की ओर से जारी आदेश पर रोक लगा दी। इस दौरान संस्थान के नए डायरेक्टर प्रो. सोमनाथ विश्वास बने। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए फिर से सारी नियुक्तियां रद करते हुए नए सिरे से नियुक्ति के लिए विज्ञापन आदेश जारी कर दिया। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई। खास बात यह रही कि जब सारी नियुक्तियां हो गईं तो आराम से इस्तीफा देकर प्रो. सोमनाथ विश्वास ने आईआईटी कानपुर जाकर ज्वाइन कर लिया। ताकि पहले वाले संस्थान में नियुक्तियों को लेकर झमेले का सामना न करना पड़े। अयोग्य लोगों को बना दिया एसोसिएट प्रोफेसर.
डॉ. प्रवीण कुमार के मुताबिक 4 ट्रियर फ्लेक्सी स्ट्रक्चर के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर हो या असिस्टेंट प्रोफेसर सभी के लिए पीएचडी जरूरी है। मगर नए डायरेक्टर प्रो. सोमनाथ विश्वास ने नियम के विपरीत योग्यता में ढील(रिलैक्शेसन) देते हुए विज्ञापन जारी किया। नतीजा यह हुआ कि जो सात एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त हुए उसमें कोई पीएचडी नहीं था। वहीं 15 असिस्टेंट प्रोफेसर में से सिर्फ एक व्यक्ति ही निर्धारित योग्यताओं पर खरा उतरता मिला।