NRC- असम में 30 लाख की आबादी नहीं डाल सकेगी वोट ?

असम के नागरिकों की सूची में अपने नाम शामिल करने के लिए करीब 10 लाख लोगों ने ही आवेदन किए हैं जबकि एनआरसी मसौदा में कुल 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे.

उन लोगों ने प्रासंगिक दस्तावेज जमा कर दावा किया कि वे भारत के नागरिक हैं.

मताधिकार वापस लिया जाना पहला संभावित कदम
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता से संबंधित दस्तावेज नहीं पेश करता तो मताधिकार वापस लिया जाना पहला संभावित कदम हो सकता है.

अभियान की निगरानी
हालांकि ऐसे लोगों के संबंध में अंतिम फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया जाना है जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं. न्यायालय असम के व्यापक अभियान की निगरानी कर रहा है.

15 दिसंबर को समाप्त होगी प्रक्रिया

न्यायालय के दिशानिर्देशों के बाद मसौदा NRC के संबंध में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया 25 सितंबर को शुरू हुई और यह 15 दिसंबर को समाप्त होगी.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों के नाम मसौदा एनआरसी में नहीं थे उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए गए.

उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोग एनआरसी में अपने नाम दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रहे तो इसका अर्थ है कि उनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं.