मेरे आलीशान को सरकार छू नहीं सकती- विजय माल्या

ब्रिटेन के हाईकोर्ट के संपत्ति की तलाशी और जब्ती की अनुमति के आदेश पर तंज कसते हुए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने रविवार कहा कि इस आदेश का शायद ही उस पर कोई असर होगा। वह कोर्ट आदेश का पालन करेगा लेकिन जांच अधिकारियों के पास करने के लिए कुछ नहीं होगा क्योंकि यहां स्थित आलीशान घर उसके नाम पर नहीं है।

बैंकों का 9000 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाने वाले 62 वर्षीय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने ब्रिटिश कोर्ट से अपील की है। इस मामले में सितंबर की शुरुआत तक कोई फैसला आ सकता है। ब्रिटिश फॉर्म्यूला वन ग्रैंड प्रिक्स के दौरान माल्या ने कहा कि मेरे नाम पर जो संपत्ति है, वह सौंप दूंगा लेकिन आलीशान घर बच्चों के नाम है और लंदन स्थित घर उसकी मां का है।

ऐसे में सरकार इसे छू भी नहीं सकती है। उसने बताया कि ब्रिटिश कोर्ट को ब्रिटेन स्थित अपनी संपत्तियों के बारे में हलफनामा दे दिया है। इन्हें फ्रीजिंग आदेश के तहत जब्त किया जा सकता है। उसके पास कुछ कारें और ज्वेलरी हैं।

इसके लिए उन्हें घर आने की आवश्यकता नहीं है, इन्हें मैं खुद दे दूंगा। बस अधिकारी वक्त, तिथि और जगह बता दें। बृहस्पतिवार को ब्रिटिश हाईकोर्ट ने माल्या को झटका देते हुए प्रवर्तन अधिकारियों को उसकी संपत्तियों की तलाशी और जब्ती की अनुमति दी थी।

वोटों की खातिर मुझे बलि का बकरा बनाना चाहती है सरकार
माल्या ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत में यह चुनावी साल है। सरकार एजेंसियों की मदद से मुझे भारत ले जाकर बलि का बकरा बनाना चाहती है ताकि उसे कुछ और वोट मिल सकें। खुद को भगोड़ा बताए जाने पर शराब कारोबारी ने कहा, मैं हमेशा से ब्रिटेन का निवासी रहा और भारत का अनिवासी। ऐसे में मैं कहां जाऊंगा। यह राजनीतिक मुद्दा है।