मौलाना आज़ाद की बरसी पर, दिल्ली व केंद्र सरकार के बड़े नेताओं ने बनाई दुरी, नहीं हुआ कोई भी शामिल

नई दिल्ली: आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के 60 वीं बरसी के मौके पर आज उनके मजार मीनाबज़ार में एक समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का आयोजन आईसीसीआर की ओर से किया गया।

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चिंता की बात यह रही कि इस बार भी मौलाना आजाद की बरसी के मौके पर दिल्ली व केंद्रीय सरकार की ओर से बड़े नेता शामिल नहीं हुए। चूँकि जामा मस्जिद पर कनाडा के प्रधानमंत्री को आना था इसलिए समारोह को बहुत मुख्तसर कर दिया गया था। इस बीच राष्ट्रपति की ओर से उनके मजार पर फुल चढ़ाए गए और उप राष्ट्रपति ने अपना पैगाम भेजा।

आईसीसीआर के डाइरेक्टर ने मौलाना आजाद को श्रद्धांजलि पेश करते हुए कहा कि जहाँ तक मौलाना आजाद का संबंध है और उन्होंने जो सेवा अंजाम दिए हैं उन्हें भुलाया नहीं किया जा सकता। हिन्दू मुस्लिम में एकता कायम किया इसकी मिसाल मिलना मुश्किल है, उन्होंने भाईचारा को बढ़ावा दिया। इंटरफैथ हार्मनी फाउंडेशन ऑफ़ के चेयरमैन ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद ने लड़कियों की शिक्षा पर बहुत ज़्यादा ध्यान दिया।
जब सरकार कायम होने के बाद कलमदान विभाजित होने लगे तो मौलाना आजाद ने शिक्षा का कलमदान लिया ताकि लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा सके। विशेषकर मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर ज़्यादा ध्यान दिया जाये। क्योंकि मुस्लिम लड़कियों को पढने के ज़्यादा मौके नहीं मिल पाते।