उर्दू के बढ़ावा देने में भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है: प्रो, इर्तज़ा करीम

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय का आत्मनिर्भर संस्था एनसीपीयूएल के डाईरेक्टर प्रोफेसर इर्तज़ा करीम ने ‘उर्दू भाषा, संस्कृति और मौजूदा वैश्विक समस्या’ के विषय पर पांचवीं विश्व ऊर्दू सम्मलेन का अधिकारिक तौर पर घोषणा करते हुए कहा कि उर्दू को बढ़ावा देने में भारत को अंतर्राष्रीअ य स्तर पर जो पहचान प्राप्त है, वह किसी दुसरे देश को नहीं’।

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काउंसिल के डाईरेक्टर इर्तज़ा करीम ने यहाँ प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने उर्दू भाषा की तरक्की और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उसके बधावे में भारत की बड़ी हिस्सेदारी के बारे में बताते हुए कहा कि ‘उर्दू की सेवा में भारत की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है, सरकार उर्दू के बढ़ावे के लिए तत्पर है, और हर संभव मदद मोहय्या कर रही है, उर्दू के लिए जितना बजट भारत में दिया जाता है उतना पाकिस्तान में भी नहीं होता।