नई दिल्ली। आईएसआईएस के गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कट्टरपंथ के कारणों का अध्ययन और समझने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वानों से सहयोग ले रही है।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए एनआईए के एक अधिकारी ने अनाम रहने की शर्त पर कहा कि ये शोधकर्ता मनोविज्ञान जैसे विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर हैं और वे पिछले एक महीने से हमारे काउंटर-रेडिकलिज्म सेल के साथ काम कर रहे हैं।
आईएस प्रेरित होने के आरोप में गिरफ्तार दर्जन भर लोगों की पूछताछ कर रिपोर्ट दी है। एजेंसी ने शोधकर्ताओं को एक वर्ष के लिए करार पर लिया है, शोधकर्ताओं ने कट्टरपंथीकरण का मुकाबला करने के तरीकों का सुझाव देने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल दो नए डिवीजन, काउंटर आतंकवाद और काउंटर रेडिकललाइजेशन (सीटीसीआर) और साइबर और सूचना सुरक्षा (सीआईएस) का गत किया ताकि वे कट्टरपंथीकरण और साइबर धोखाधड़ी के लिए त्वरित रणनीति तैयार कर सकें।