फ़र्ज़ी निकला अमृतसर ट्रेन हादसे में मुस्लिम ड्राईवर होने का दावा, इम्तियाज नहीं अरविंद चला रहे थे ट्रेन

पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन सैकड़ों लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद जहां एक तरफ मारे गए लोगों के लिए दुआएं की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कई झूठी पोस्ट भी वायरल हो रही हैं। इसी तरह की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें ट्रेन ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि ड्राइवर मुसलमान था इसलिए उसने दशहरे मना रहे हिंदुओं को कुचला।

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमृतसर में कुचलकर लोगों को मारने वाली ट्रेन का ड्राइवर इम्तियाज अली थी। एक यूजर ने लिखा ‘अगर 61 लोगों के नरसंहार की साजिश को समझना है तो मुस्लिमों की पार्टी कांग्रेस के पाकपरस्त नवजोत सिंह सिद्धू, उसकी बीवी, आयोजक और ट्रेन ड्राइवर इम्तियाज अली को सीबीआई के हवाले करो। वरना इतिहास में ये एक हादसा बनकर रह जाएगा।’

https://twitter.com/Satim00/status/1054236116868579329

https://twitter.com/RakeshT73827202/status/1053629806087045121

सोशल मीडिया पर जहां एक तरफ लोग ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इसकी सच्चाई बता रहे हैं। कई यूजर ने ड्राइवर का नाम अरविंद कुमार बताया। इन दोनों दावों की सच्चाई जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने  पड़ताल की तो पाया कि ड्राइवर का नाम अरविंद कुमार ही है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ड्राइवर के लिखित बयान की कॉपी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट भी किया है।

इस बयान में ड्राइवर अरविंद कुमार ने लिखा है कि ‘ट्रैक पर लोगों को देखते हुए उसने हॉर्न भी दिया और इमरजेंसी ब्रेक भी लगाया। लेकिन ब्रेक लगाने के बाद भी कई लोग इसकी चपेट में आ गए। इसके बाद जैसे ही गाड़ी की स्पीड कम हुई तो कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव किया, जिसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को वहां से निकालना पड़ा।’इस बयान में नीचे ड्राइवर का नाम अरविंद कुमार और उसके सिग्नेचर भी हैं। जिससे साबित होता है कि सोशल मीडिया पर ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली बताने का दावा झूठा है।

हमारी पड़ताल में लोगों का ये दावा गलत साबित हुआ। पड़ताल के मुताबिक, इस ट्रेन को चलाने वाला हिंदू ही था और उसने अपने लिखित बयान में कहा भी है कि उसने लोगों को देखकर इमरजेंसी ब्रेक भी लगाया लेकिन जब तक ट्रेन रुकी तब तक कई लोग इसकी चपेट में आ गए।