भारत अब भीड़तंत्र नहीं बल्कि भेड़तंत्र हो गया है: अभिसार शर्मा

एबीपी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार अभिसार ने संस्कृति राय की बलात्कार व हत्या पर लोगों के चुप रहने पर जबरदस्त लताड़ लगाया है. उनहोंने भारत को भीड़तंत्र से भेड़तंत्र बताते हुए कहा कि सभी ने यह देखा होगा कि संस्कृति राय की बलात्कार और फिर हत्या को लेकर देश के अंदर लोगों में बहुत ज्यादा आक्रोश नहीं हुआ. आखिर क्यों? उनहोंने कहा कि आक्रोश तब होगा जब किसी दुसरे मजहब के लोगों के बारे में पता चलेगा. क्योंकि हमारा आक्रोश पीड़ित का मजहब और अत्याचारी का मजहब तय करता है.

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उनहोंने कहा कि मैं आपको दावे के साथ यह कह सकता हूँ कि इस घटना के 6 बाद भी अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिली है, मगर, कुछ दिनों बाद अगर यह पता चल जाए कि संकृति राय का बलात्कार किसी उसके दुसरे मजहब वाले लोगों ने किया था, तब आप देखेंगे लोगों का आक्रोश. क्यों कि संस्कृति राय एक हिन्दू है.

उनहोंने अफ़सोस व्यक्त कहा कि जब आप एक पीड़ित का मजहब ये तय करने लगे कि उसके प्रति मुझे आक्रोश करना है या नहीं करना है, तो इसका अर्थ यही है कि हम अंदर से मर चुके हैं. उनहोंने कहा कि कायदा यह है कि हमें सस्कृति राय के भी बलात्कार व निर्मम हत्या पर आक्रोश व्यक्त करना था. लेकिन ख़ामोशी क्यों है?

उनहोंने कहा ख़ामोशी इसलिए है, क्यों कि योगी जी के रामराज्य पर सवाल उठ जाएंगे. और ऐसा बेचारे भक्त कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं. संस्कृति राय के लिए इंसाफ की मांग अगर सड़क पर उतरेगी, उसके आक्रोश सड़कों पर उठेगा, तो जाहिर सी बात है एक साल से चले आ रहे योगी राज पर आप को सवाल उठाना पड़ेगा, और उसपर भला कौन सवाल उठा सकता है. उनहोंने कहा सवाल लोग तब उठाएंगे जब ये तय हो जायेगा कि संस्कृति का बलात्कारी कोई मुसलमान था.
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