भाजपा सदस्यों का ISI से सम्बन्ध होना संघ के लिए खतरे की घण्टी: स्वामी अवशेषानंद

हाल में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई से संबंध के आरोप में मध्यप्रदेश से पकड़े गए भाजपा के सदस्यों की गिरफ्तारी पर जूना अखाडा के स्वामी अवेशेषानंद ने कहा की यह पार्टी के लिए सही नहीं है और राष्ट्रिय स्वयं संघ के लिए खतरे की घण्टी है।

डॉ. अवशेषानंद ने मंगलवार को कहा की ये गिरफ़्तारी भाजपा की राजनैतिक किरकिरी है और आरएसएस के लिए खतरे की घण्टी हैं। उन्होंने कहा की ये गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई है जब केंद्र में तो भाजपा की सरकार है ही बल्कि मध्यप्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है।

उन्होंने आगे बताया की यह आरएसएस के लिए चिंता की बात है क्योंकि कट्टर राष्ट्रवाद का समर्थक होने के कारण संघ की देशभक्ति पर विरोधी भी प्रश्नचिन्ह लगाने से अब तक बचते रहे हैं। डॉ. ने आरएसएस का चेतावनी देते हुए कहा की अगर संघ ने इस घटना को गम्भीर रूप से लेकर इसकी तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो पूरे संघ परिवार की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा की संघ की विचारधारा और उसके चरित्र को देखते हुए ऐसा लगता हैं की उनको भाजपा के सदस्यों का आईएसआई से सम्बंध होने की जानकारी नहीं रही होगी। डॉ. ने कहा की संघ को सदस्यों को संघ परिवार में जोड़ने से पहले उनकी पृष्ठभूमि जानना चाहिए।

महामंडलेश्वर ने कहा संघ की दैनिक शाखाओं तथा समय-समय पर आयोजित होने वाले शिविरों में स्वयंसेवकों के अंदर देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भर दी जाती है। ऐसा कोई भी राष्ट्रवादी स्वयंसेवक राष्ट्रविरोधी रास्ते पर कैसे चल सकता है भले ही उसे कितना भी पैसों या किसी चीज़ का फायदा दिया जाए।

अवशेषानंद ने आगे कहा इस घटना से इस बात की ज़रूरत है कि भाजपा सहित संघ परिवार में भी संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को ही शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा की पहले भाजपा और संघ में सिर्फ संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक ही लिए जाते थे, लेकिन भाजपा ने राजनीतिक विस्तार के लालच में संघ की नीतियों को छोड़कर अनापशनाप सदस्यता अभियान शुरू कर दिए।

लेकिन उससे भाजपा को राजनीतिक लाभ तो मिला और केंद्र तथा कई राज्यों में उसकी सरकारें भी बन गईं। लेकिन संघ का मूल सिद्धांत देशभक्ति तथा चरित्र निर्माण कही खो गया।

महामंडलेश्वर ने सुझाव दिया कि भाजपा सहित संघ परिवार को संघ के मूल सिद्धांत का हमेशा सम्मान करना चाहिए और संघ की विचारधारा त्यागकर सत्ता में आने का प्रयास भाजपा को नहीं करना चाहिए।

अवशेषानंद ने कहा संघ की विचारधारा का पालन करते हुए यदि भाजपा सत्ता प्राप्त करती है तो ऐसी सत्ता न केवल दूर तक जाएगी बल्कि इसे मध्यप्रदेश की तरह की घटनाओं से शर्मसार भी नहीं होना पड़ेगा।