फ़िलिस्तीनियों की आड़ में इजरायली एजेंट करते हैं काम

रामल्ला। फ़िलिस्तीनियों के मुखौटे वाले इजरायल एजेंट कार्यरत हैं जो फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों की तरह दिखते हैं। चेकर स्कार्फ्स के साथ उनके चेहरे को कवर कर वे इजरायली सेना के खिलाफ नारे लगाते हैं, इतना ही नहीं, कभी-कभी वे सैनिकों की ओर पत्थर भी फेंक देते हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान वे इजरायल की सेना के करीब आते हैं और फिर अचानक फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच मुड़ जाते हैं। यह बंदूकें उनके शर्ट के नीचे छिपाये रहते हैं और हवा में गोलीबारी कर देते हैं।

उनके निकट जाने वालों को जमीन पर गिरा देते हैं। इस प्रकार वे फ़िलिस्तीनियों को हिरासत में लेने में सेना की मदद करते हैं। फिलीस्तीनियों द्वारा इन एजेंटों को ‘मुस्तार्बीयन’ कहा जाता है।

उन्हें कुशलतापूर्वक संचालन करने के लिए कड़ाई से प्रशिक्षित कर एक फिलीस्तीनी जैसी सोच और कार्य करना सिखाया जाता है। इजरायल मामलों के विशेषज्ञ एंटोनी शालहट के अनुसार, उनके मुख्य मिशन में फिलीस्तीनियों को गिरफ्तार करने, इंटेलिजेंस इकट्ठा करना और आतंकवादरोधी आपरेशन शामिल हैं।

1942 में पहली मुस्तािबिन इकाई की स्थापना हुई जबकि 1950 तक इज़राइल अस्तित्व में नहीं आया था। चूंकि वे गुप्त काम करते हैं, वे बड़े पैमाने पर अज्ञात रहते हैं। वे फिलिस्तीनी जैसी बोली और अरबी लहजे सीखे होते हैं।