शिक्षा प्राप्त करने जा रहे मदरसा के छात्रों और शिक्षकों को बंधक बनाना दुर्भाग्यपूर्ण: मौलाना असरारुल हक़ कासमी

झारखण्ड के बोकारो स्टेशन पर तेलंगाना जाने वाली ट्रेन से 87 बच्चों और उनके साथ यात्रा करने वाले 6 उलेमा और हाफिज जो उन बच्चों को मदरसों में दाखला कराने के लिए ले जा रहे थे, उन्हें स्थानीय रेलवे पुलिस ने मानव तस्करी के शक में ट्रेन से उतार कर पूछताछ के लिए रोक लिया. जिसकी वजह से मिडिया में एक बार पैदा हो गया है और देशभर के मुसलमानों में बेचैनी पैदा हो गई है.

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इस घटना पर प्रसिद्ध आलिम व सांसद मौलाना असरारुल हक़ कासमी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कहा है कि पुलिस की कार्रवाई मूलरूप से अनुचित है, और शिक्ष प्राप्त करने के लिए जाने वाले बच्चों और उनके साथ शिक्षकों (उलेमा और हाफिज) को ऐसे अपराधी की तरह बंधक बना लेना अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है.

मौलाना ने कहा कि जब बच्चों ने खुद कह दिया कि वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए जा रहे हैं तो मामला यहीं साफ हो गया और उन्हें छोड़ देना चाहिए था. लेकिन पुलिस उन्हें बेवजह रोके रखा जिसके कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ा.