2014 के मुजफ्फरनगर की तरह 2019 की तैयारी है कासगंज दंगा: पूर्व IPS अधिकारी

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा के बाद से वहां की हालात अब भी नाजुक बनी हुई है। कासगंज में उत्पन्न दंगा मामले पर गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा है कि जिस प्रकार 2014 में मुजफ्फरनगर दंगा कराई गई थी उसी प्रकार 2019 की तैयारी है कासगंज दंगा।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

राज्य में इस घिनोनी हरकत का निंदा करते हुए गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने उत्तर प्रदेश की कासगंज हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश की ओर इशारा किया है। उनके ट्वीट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। संजीव भट्ट ने 28 जनवरी को एक ट्वीट करते हुए कहा कि ‘‘कासगंज तो शुरुआत है, यह लो-ग्रेड सांप्रदायिक बुखार 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। ठीक उसी तरह जैसे 2014 के लिए मुजफ्फरनगर कांड हुआ था। इस बार यह और बड़े पैमाने पर होगा और इसका असर गहरा होगा।”

संजीव भट्ट के इस ट्वीट के बाद लोगों ने ट्रोल भी करना शरू कर दिया। वहीं कुछ लोगों ने पूर्व पुलिस अफसर पर विपक्षी नेताओं से मिलीभगत का आरोप भी लगाया है।
वहीँ जहां एक तरफ राजीव चड्ढा ने आईपीएस अधिकारी को कहा कि भारत आप पर भरोसा नहीं करता भट्ट। तो वहीँ उसका कड़ाड़ा जवाब देते हुए डॉ. सलाम अंसारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है मगर सत्य यही है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन अनाधिकृत तिरंगा यात्रा को रास्ता न देने के कारण साम्प्रदायिक हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन नाम के एक युवक की जान चली गई थी, जबकि अकरम नाम का एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसके चलते कासगंज में माहौल चार दिन से लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है।