अकेली इस लेडी सिंघम ने आतंक फैला रहे डेरा समर्थकों को सिखाया सबक, कपड़े फटे लेकिन ड्यूटी निभाती रही

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों में डेरा समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था। इन उत्पातों से डरकर जहां हरियाणा पुलिस के जवानों के भगाने की खबर आ रही थी वही एक लेडी अफसर इन उपद्रवियों से जम कर डटे रहने की खबर आ रही।

पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर गौरी पराशर जोशी ने अपने जज्बे और बहादुरी से न सिर्फ रेपिस्ट राम रहीम के समर्थकों को पीछे धकेला बल्कि कपड़े फट जाने पर भी अपनी ड्यूटी पर जमी रहीं।

डेरा समर्थकों का गुस्सा देखकर बहादूरी का दंभ भरने वाले हरियाणा पुलिस के जवान 2009 की आईएएस अफसर गौरी पराशर जोशी को मुश्किल हालातों में छोड़कर भाग खड़े हुए। समर्थकों ने पत्थर और लाठियों से वार करना शुरू कर दिया था। ऐसे में 11 साल के बच्चे की मां गौरी को समर्थकों का अकेले सामना करना पड़ा। जिसकी वजह से उन्हें काफी चोटें आईं।

यही नहीं उनके कपड़े भी फट गए थे। सिर्फ एक पीसीओ के साथ अकेले छूट जाने के बाद भी गौरी ने सामना करना जारी रखा। वह उन्हीं हालतों में ऑफ‍िस पहुंचीं और सेना को एक आदेश की कॉपी थमाई। इस आदेश की मदद से सेना ने पंचकूला में माहौल को और बिगड़ने से रोका।

घायल होने के बाद भी गौरी ने मोर्चा नहीं छोड़ा और सुबह 3 बजे हालात सामान्य होने पर ही घर वापस लौटीं। उनके घर लौटने से पहले उन्होंने बिगड़े माहौल को अंडर कंट्रोल कर लिया था।

गौरी ने अपने करियर में इससे पहले भी नाजूक और गंभीर हालातों का सामना किया है। इससे पहले वह ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाके कालाहांडी में सेवा दे चुकी हैं।