राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में मदरसे अहम भूमिका निभा सकते हैं: मुफ्ती अबुल क़ासिम नौमानी

कोलकाता: देश के मौजूदा हालात के संदर्भ में देश में राष्ट्रीय एकता की स्थापना, शांति व् भाईचारे का माहौल बनाने में मदरसे अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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भारतीय मदरसों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन और उस समय भारतीय जनता के बीच एकजुटता के माहौल को बिगाड़ने वालों के खिलाफ अभियान में अहम भूमिका निभाई थी, और आज भी जब देश में नफरत फ़ैल रहा है, भाईचारे, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, तो मदरसे इन हालात में अहम भूमिका निभा सकता है।

इन ख्यालात का इज़हार देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम बनारसी ने कलकत्ता में ‘राब्ता मदारिसे पश्चिम बंगाल’ के वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किया।

उन्होंने मदारिसे इस्लामिया के ज़िम्मेदारों से अपील की है कि वह देशवासियों के साथ मिलकर देश में शांति और भाईचारे का माहौल स्थापित करें। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियां मदरसों को बदनाम करने के लिए अभियान चला रहे हैं। ऐसे हालात में मदरसों के बारे में सावधान रहने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि फैसले में पारदर्शिता के साथ संदिग्धों को मदरसों में ठहरने और उनसे चंदा लेने से भी परहेज करें।