मालेगांव 2008 विस्फोट: NIA ने कहा, अब कर्नल पुरोहित की पुलिस हिरासत की जरुरत नहीं

मालेगांव। मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अब कर्नल पुरोहित को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है। पिछले महीने एनआईए ने पुरोहित को गिरफ्तार करने में किसी भी प्रक्रियात्मक दोष से इनकार किया था और बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि विस्फोट के मामले में उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं।

समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य अभियुक्तों में से एक लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित वर्तमान में सात साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन्होंने पिछले साल 4 अप्रैल को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी अपने सम्मान की बहाली के लिए अनुरोध किया था। अपने पत्र में उन्होंने दावा किया था उनको झूठा फंसाया गया था और सात साल से अधिक समय से वे जेल में हैं।

यह मामला आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित है, जिसके परिणामस्वरूप 18 फरवरी 2007 को हरियाणा में पानीपत के पास समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम विस्फोट हुआ था। रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे यात्रियों में 12 महिलाओं समेत 68 लोगों की मौत हुई थी और अन्य घायल हुए थे।