आपसी सौहार्द न बिगड़े, इसलिए ममता ने मोहर्रम के दौरान मूर्ति विसर्जन के लिए दिया अल्टीमेटम

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने फरमान जारी किया है कि मोहर्रम के जुलूसों के दौरान दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन नहीं किया जाएगा।

ममता बनर्जी ने कहा, “विजय दशमी के दिन शाम 6 बजे तक ही मूर्ति विसर्जन किए जाएंगे क्योंकि उसके बाद मोहर्रम के जुलूस निकलेंगे। अगर ये दोनों चीजें एक साथ होंगी, तो समस्या खड़ी हो सकती है। मैं इस मामले में आप सभी का सहयोग चाहती हूं। कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे और अपने हित के लिए हिन्दू और मुसलमानों को एक टूल की तरह इस्तेमाल करेंगे।”

बाद में ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “मुहर्रम के दिन 24 घंटे की अवधि को छोड़कर, विसर्जन 2 , 3 और 4 अक्टूबर को हो सकता है।”

ममता के इस फैसले पर बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी वोटबैंक की राजनीति कर रही हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने उन पर आरोप लगाया है कि वह एक खास समुदाय के वोट के लिए इस तरह का निर्णय ले रही हैं।

बता दें कि पिछले साल भी ममता बनर्जी ने विजयादशमी के मौके पर मूर्ति विसर्जन करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था। उनके इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस पर कोर्ट ने ममता को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह एक समुदाय को रिझाने की कोशिश कर रही हैं।

जस्टिस दीपांकर दत्ता की सिंगल बेंच ने साल 1982 और साल 1983 का उदाहरण देते हुए कहा, उस समय दशहरे के अगले दिन ही मुहर्रम था, लेकिन मूर्तियों के विसर्जन पर रोक नहीं लगी थी।