मौलाना अरशद मदनी ने एनआरसी की पहली लिस्ट पर संतोष जताया

नई दिल्ली। जमीयत ए उलेमा के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की पहली लिस्ट जारी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे असम के लोगों का जीवन अंधकारमय होने से बच गया है।

उन्होंने कहा कि एनआरसी ने 3.29 करोड़ आवेदनों में से 1.9 करोड़ लोगों की सूची जारी की थी। पहली लिस्ट में 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक के रूप में मान्यता दी गई, लेकिन बाकी 1.39 करोड़ का नाम इस लिस्ट में नहीं आया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाली दूसरी सूची में शेष लोगों के नाम शामिल होंगे।

अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत ए उलेमा ने घर-घर, गांव,गांव और जंगल-जंगल जाकर लोगों को अपना आवेदन देने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्हें भरोसा है सभी लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हो जायेंगे। पहली सूची में नाम आने से वंचित असम के लोगों को पूरी उम्मीद है कि शेष सूची में उनका नाम अवश्य आएगा।

गौरतलब है कि असम में लाखों लोगों को ये साबित करना है कि उनके माता-पिता साल 1971 में बांग्लादेश बनने से पहले ही असम में आकर रहने लगे थे। असम में 20 वीं सदी की शुरुआत से बांग्लादेश से अवैध रूप से आने वाली आबादी का सामना कर रहा है। यह एक मात्र ऐसा राज्य है जिसमें एनआरसी है, जो कि 1951 में तैयार हुआ था।