VIDEO: जब मौलाना आज़ाद बोले- हिन्दू मुसलमानों का धार्मिक विरोधी हो सकता है लेकिन राष्ट्रीय विपक्षी नहीं…

1888 में पैदा हुए ख़िलाफ़त आंदोलन के नेता मौलाना आज़ाद ने बंटवारे के वक्त मुसलमानों को पलायन से रोकते हुए कहा, “आप कहीं भी चले जाएं ‘हिंदुस्तानी’ ही कहलाएंगे, चाहे वो बंगाल, पंजाब, सिंध या बलूचिस्तान हो, क्या आपको पाकिस्तान में एक बिन बुलाए मेहमान के रूप में नहीं देखा जाएगा”?

राष्ट्रीयता और धर्म के बीच बैर को अलग करते हुए मौलाना आज़ाद ने कहा, “मेरे भाइयों मुझे ग़ौर से सुनो, हिन्दू आपका धार्मिक विरोधी हो सकता है लेकिन आपका राष्ट्रीय विपक्षी नहीं और आप इस स्थिति से निपट सकते हैं”।

आज़ाद ने एक मिसाल पेश कर लोगों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे राष्ट्रीय भाईयों, मेरा सवाल यह है कि अगर आप खून से सनी लाश पर रेशमी लेहाफ़ डाल दें तो क्या आप यह साबित कर सकते हैं कि यह लाश नहीं है?

उन्होंने पहले से चेतावनी देते हुए कहा, “जो राष्ट्र खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम न हो, उसे आरक्षण के ज़रिए महफूज़ नहीं किया जा सकता। कागज़ के एक टुकड़े पर लिखे कुछ शब्दों के कानून भी उसे संरक्षित नहीं कर सकते”।

मौलाना ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वकालत करते हुए कहा, ” क्या 10 करोड़ मुसलमान एक स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में अपने अधिकारों का बचाव नहीं कर सकते”?

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