ये हैं यूपी की पहली मुस्लिम महिला सांसद, जिन्होंने जीतते ही PM मोदी पर किया बड़ा हमला

बेगम तबस्सुम हसन ने आरएलडी के टिकट पर कैराना उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज की है. तबस्सुम उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई नया चेहरा नहीं हैं. इस जीत के साथ ही 2014 के बाद उत्तर प्रदेश से जीतने वाली तबस्सुम पहली मुस्लिम सांसद बन गई हैं. तबस्सुम ने अपनी स्कूल शिक्षा जेबीएस इंटर कॉलेज, सहारनपुर से प्राप्त की है.

तबस्सुम कैराना से ही सांसद रह चुके अख्तर हसन की बहू और मुन्नवर हसन की पत्नी हैं. हसन परिवार कैराना की राजनीति का काफी पुराना खिलाड़ी रहा है. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 के चुनावों में सहानुभूति की लहर पर चढ़कर चौधरी अख्‍तर हसन ने बड़ी जीत दर्ज की. इससे पहले सिर्फ 1971 में ही कांग्रेस यहां से जीत सकी थी.

1996 के चुनावों में अख्तर के बेटे मुनव्‍वर हसन ने एसपी के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की लेकिन दो ही साल बाद बीजेपी ने इस सीट पर खाता खोला और वीरेंद्र वर्मा ने मुन्नवर को हरा दिया. इसके बाद ये सीट लगातार दो बार आरएलडी के खाते में रही. 2009 के लोकसभा चुनाव में मुन्नवर की पत्नी तबस्सुम ने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंची.

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ये सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं होता तबस्सुम और मुन्नवर के बेटे नाहिद हसन ने भी 2014 में हुकुम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन 2 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए. असल में ये हार परिवार की फूट का नतीजा थी. तब नाहिद हसन एसपी के टिकट पर और उनके चाचा कंवर हसन बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों को पराजय का सामना करना पड़ा था. नाहिद दूसरे जबकि चाचा कंवर तीसरे नंबर पर रहे थे.

हालांकि, 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में नाहिद ने कैराना सीट पर हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को 21 हज़ार से ज्यादा वोटों से हराकर बदला चुका दिया था. नाहिद फिलहाल विधायक हैं और तबस्सुम पूर्व सांसद हैं. ये परिवार कांग्रेस, सपा और बसपा के बाद अब आरएलडी के टिकट पर भी चुनाव लड़ रहा है.