‘अलवर तथा मेवात में गौ रक्षकों ने किसकी इजाज़त से ‘हिंदू चौकी’ बना रखी है?’

लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदल रही भाजपा इस देश के लिए ख़तरा है। कल हो सकता है उन्मादी भीड़ जिसे कानून का भय नहीं वह ट्रेन में बगैर टिकट यात्रा करने लगे, टीटी की पिटाई करे और जीआरपी वालों की बंदूकें छीन ले। कल को यह भी हो सकता है उन्मादी भीड़ सड़कों पर, सरकारी मकानों पर कब्जा कर ले। शिवसेना के सांसद गायकवाड़ को एयर इंडिया में उड़ने की इजाज़त मिल गई, जिस कल का भय था वह हमारे सामने मुंह खोले खड़ा है। संविधान, व्यवस्था को निगलने का जैसा ट्रेंड भाजपा के आने के बाद देश में दिखा वैसा पहले कभी नहीं था। बात सिर्फ गौ आतंकियों द्वारा पहलू खाँ अथवा झारखंड के मासूम सालिक की हत्या का नहीं है। बात है व्यवस्था पर होने वाले अतिक्रमण का। कब्ज़े का।

अलवर तथा मेवात में गौ आतंकियों ने ‘हिंदू चौकी’ बना रखी है। हिंदू चौकी बनाने की इजाज़त प्रशासन ने कैसे दे दी। कल हो सकता है मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मुस्लिम चौकी बन जाए, लेकिन ऐसा होगा नहीं परंतु सोचा तो जा सकता है न। पुलिस की चौकियों और थानों के बजाए अपराध पर रोकथाम के लिए अपराधियों के हाथ मजबूत करने से भाजपा रोक नहीं रही है।

यह विस्फोटक हालात देश की व्यवस्था को खोखला कर देगा। एक तरह से देखा जाए तो कर चुका है। अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता। जब मारने को मुसलमान नहीं मिलेगा तो निशाना हिंदू ही बनेगा। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यरो के वार्षिक आंकड़े देखने पर पता चलता है कि हिंदू लड़की के साथ बलात्कार का आरोपी हिंदू , हिंदू की हत्या करने वाला हिंदू, हिंदू के घर चोरी करने वाला हिंदू, हिंदू के साथ छल कपट करने वाला हिंदू। समाज में अपराध करने वाला कभी धर्म नहीं देखता, तो फिर हम और आप अपने आसपास ऐसे अपराधियों को क्यों बढ़ा रहे हैं जो कभी न कभी हमारे ही ऊपर अन्याय करने वाले हैं।

गौ रक्षा के नाम पर आपके क्षेत्र में कौन से लोग सक्रिय हैं, यह खुद से पूछ लीजिए। वह कोई छुटभैया नेता होगा जिसे पार्षद या विधायक बनना होगा। वह कोई बदमाश होगा जिसके पास कोई रोजगार नहीं होगा। वह कोई निठल्ला होगा जो हर हफ्ते चंदा लेकर सड़क पर टेंट लगा घर्म की नुमाइश करता होगा। वह कोई ऐसा इंसान होगा जिसके घर पर गाय के नाम पर गाय बांधने का खूंटा भी नहीं मिलेगा।

  • मोहम्मद अनस (यह लेखक के निजी विचार हैं)