मुजफ्फरनगर दंगा: सिर्फ भगवा आरोपियों के ही केस को क्यों वापस ले रही है योगी सरकार

उत्तरप्रदेश: सितंबर 2013 में हुए मुजफ्फरनगर और शामली दंगों में पांच सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे, लेकिन योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के हिन्दू आरोपियों पर से 131 केस वापस लेने की प्रकिया शुरू कर दी है। बता दें कि वापस लिए जाने वाले इन मुकदमों में से हत्या के 13 और हत्या के प्रयास के 11 मामले भी शामिल हैं।

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये सभी केस जघन्य अपराध से जुड़े हैं। इन मुकदमो में दोषी पाए जाने पर कम से कम सात साल की सजा का प्रावधान है। 16 मुकदमे सेक्शन 153 ए यानी धार्मिक आधार पर दुश्मनी फैलाने के आरोप तथा दो मुकदमे सेक्शन 295 के दर्ज हैं, यानी किसी धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले भाषण देने का आरोप है।

आपको बता दें कि इस दंगे के दौरान 62 लोग मारे गए थे, वहीं एक हजार से अधिक लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा था। दंगों के बाद 1455 लोगों के खिलाफ 503 केस दर्ज हुए थे। इस मामले पर संजीव बालियान का दावा है कि मुकदमे वापस लेने की जो सूची सौपी गयी है वो सभी हिन्दू है।

संजीव बालियान का कहना है कि 850 हिंदु आरोपियों पर दर्ज 179 केस वापस लेने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चूका हु। अब केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।