असम में एक करोड़ 90 लाख लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी किया गया है। तीन करोड़ 29 लाख आवेदनों में सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों को ही अब तक भारत का वैध नागरिक माना गया है, शेष के नाम सत्यापन के विभिन्न चरणों में हैं। पहले ड्राफ्ट के जारी होने के बाद करीब 1.4 करोड़ लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है।

पूरी प्रक्रिया की जानकारी का अभाव होने के कारण लोगों में असमंजस की स्थिति है। पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए हैं। वहीं, सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि फाइनल एनआरसी के आने के पहले तक एक भी व्यक्ति को राज्य से बाहर नहीं किया जाएगा।

सरकार ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन इसके बाद भी लोग काफी डरे हुए हैं। उन्हें चिंता है कि अगर उनके दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए तो क्या उन्हें राज्य छोड़ना होगा? पूरी प्रक्रिया को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव भी है। ऐसे में वो चीजों की ठीक से समझ भी नहीं पा रहे हैं और अफवाह का शिकार हो जा रहे हैं।

1.4 करोड़ लोगों का नाम पहले ड्राफ्ट में नहीं है। उनके वोटर आईकार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जल्द ही दूसरा मसौदा तैयार किया जाएगा और फाइनल एनआरसी साल के आखिर में आएगा।

सुरक्षा पर आशंका को खारिज करते हुए सोनोवाल ने कहा कि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है, क्योंकि जिला प्रशासन जनसभाएं आयोजित कर रहे हैं और लोगों को इस बारे में बताने के लिए अभियान चला रहे हैं।