मंगल ग्रह की गुत्थियां सुलझाने के लिए नासा का रोबोटिक ‘मार्स इनसाइट लेंडर’ सोमवार की रात कामयाबी के साथ लाल ग्रह पर लैंड कर गया। मंगल ग्रह पर उतरने के बाद यान ने काम करना शुरू कर दिया है और इसकी पहली तस्वीर और संदेश भी आ गया है। संदेश में लिखा है कि सारे पैनल खुले हुए हैं और उन्हें मंगल ग्रह पर धूप मिल रही है।
नासा के लिए यह सफलता कई मायनों में खास है क्योंकि 1976 के बाद से नासा ने नौवीं बार मंगल पर पहुंचने का यह प्रयास किया। पिछले प्रयास को छोड़कर बाकी सभी असफल रहे।
बता दें कि ‘इनसाइट’ मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से कितनी अलग है, इसका पता लगाएगा। ‘इनसाइट’ की मंगल पर लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया सात मिनट तक चली। भारतीय समयानुसार सोमवार रात 1.24 बजे ‘इनसाइट’ ने मंगल की सतह पर उतरा।
सात मिनट तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दम साधे इस पूरी प्रक्रिया को लाइव देखते रहे। जैसे ही ‘इनसाइट’ने मंगल की सतह को छुआ, सभी वैज्ञानिक खुशी से झूमने लगे। नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने इनसाइट के टचडाउन का ऐलान करते ही सभी को बधाई दी।
Lucy in the Sky with…asteroids! Launching in Oct. 2021, the Lucy spacecraft will fly by more targets in different orbits around the Sun than any other mission in history, in order to collect data on the building blocks of our solar system. Take a flyby: https://t.co/0AbVLJkmfK pic.twitter.com/FyRUG5TZ5o
— NASA (@NASA) November 28, 2018
मंगल की कक्षा में पहुंचने के समय ‘इनसाइट’ की स्पीड 19800 किलोमीटर की थी, जो लैंडिंग के वक्त घटकर 8 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई। ‘इनसाइट’ का ये मिशन मंगल करीब 7044 करोड़ रुपये का था।
6 महीने में 48.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा पूरी कर इनसाइट मंगल की सतह पर उतरा। नासा के मुताबिक इनसाइट नाम का यह यान एक पैराशूट और ब्रेकिंग इंजन की मदद से रफ्तार को धीमा किए जाने के बाद उतरा।
There was a time when the resemblance between Mars & Earth was uncanny, but these worlds took different paths. Now that @NASAInSight had a successful #MarsLanding, scientists will be able to compare Earth to its rusty sibling like never before. More: https://t.co/L3rpwlBHUl pic.twitter.com/gqEAdPsMO6
— NASA (@NASA) November 27, 2018
इसी साल 5 मई को नासा ने कैलिफोर्निया के वंडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से एटलस वी रॉकेट के जरिए लांच किया था। इससे पहले 2012 में मंगल पर पहला यान क्यूरॉसिटी भेजा गया था। उस मिशन में मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता किया गया। वहीं इस बार ‘इनसाइट’ मंगल की आंतरिक संरचना के बारे में पता करेगा।
साभार- ‘आज तक’