नेपाल हिन्दू राष्ट्र नहीं रह सका तो अब भारत क्या बनेगा?

नई दिल्ली: देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए सकिर्य साम्पदायिक शक्तियों खासकर आरएसएस, भाजपा, विहिप को सख्त आलोचना का निशाना बनाते हुए जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के शिक्षक मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि पूरी दुनियां के नक्शा पर सिर्फ एक देश नेपाल हिन्दू राष्ट्र था लेकिन वह भी बाकी नहीं रह सका तो अब जो लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं तो क्या यह संभव है जबकि यहाँ सैंकड़ों धर्म के लोग आबाद हैं?

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क्या यह जुमलेबाज़ी और वोटों की राजनीति महज़ हिन्दुओं के भावनाओं से खिलवाड़ नहीं है? ऑस्ट्रया वियाना, लन्दन, जर्मनी वगैरह में आयोजित विश्व सम्मेलनों में शामिल होकर 10 दिन बाद भारत वापस लौटे मौलाना अरशद मदनी ने जहाँ एक ओर रामलीला मैदान में आयोजित जमीअत अहले हदीस हिन्द की आल इंडिया सम्मलेन में शामिल हुए वहीं दूसरी ओर इंकलाब ब्यूरो से मौजूदा स्थिति पर विमर्श किया।

मौलाना अरशद मदनी ने आहा कि जो लोग धर्म के नाम पर नफरत की सौदागरी करते हैं वह अपने धर्म के भी वफादार नहीं हो सकते इसलिए कि दुनियां का कोई भी धर्म नफरत और धर्म की बुनियाद पर किये जाने वाले हिंसा की इजाजत नहीं देता, हर धर्म में शांति, एकजुटता और मोहब्बत का पैगाम मौजूद है।

उन्होंने कहा कि यह बात हमने लगभग हर विश्व सम्मलेन में दोहराई और रामलीला मैदान की शांति सम्मलेन में कही है। उन्होंने साम्पदायिक शक्तियों को चेतावनी देते हुए कहा कि देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की किसी भी साजिश को कामियाब नहीं होने दिया जायेगा।