मराठा आंदोलन के सामने झुकी BJP सरकार ने बैकवर्ड क्लास कमीशन को भेजा मामला

बुधवार को मुंबई की सड़कें के भगवामय हो गईं और जिसकी वजह थी मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से किया गया आयोजन. इसमें मराठा समाज के करीब 6 लाख लोगों हिस्सा लिया. राज्य में मराठा करीब 30 फीसदी हैं और वे सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं

मराठाओं की मांगों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने सीधे तौर पर आरक्षण की मांग को तो नहीं माना है, लेकिन उस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अहम कदम उठाने की बात कही है।

सीएम फडनवीस ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रिफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कमिशन से निवेदन करेगी कि वह तेजी से काम करे और अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में जमा करे।

सीएम ने ऐलान करते हुए कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही है। फिलहाल ओबीसी वर्ग के छात्रों को 605 स्ट्रीम्स में छूट मिलती है, जो अब मराठा समुदाय को भी दी जाएंगी। सरकार ने हर जिले में मराठा छात्रों के लिए हॉस्टल बनाने की घोषणा भी की ,इसके लिए सभी जिलों को 5 करोड़ का फंड दिया जाएगा।

सीएम ने कहा कि कोपर्डी गैंगरेप केस को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। पिछले पांच महीनों के दौरान सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने 31 गवाहों को वेरिफाइ किया है, लेकिन पीड़ितों के वकील अब मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

यह मामला मराठा समुदाय की प्रमुख मांगों में शामिल है। समुदाय चाहता है कि पिछले साल अहमदनगर के कोपर्डी में नाबालिग के गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। समुदाय दलित उत्पीड़न रोकथाम कानून में भी बदलाव की मांग कर रहा है क्योंकि उसका आरोप है कि इस कानून का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।

पिछले साल 13-14 जुलाई को अहमदनगर जिले के कोपर्डी गांव में एक मराठा लड़की लापता हो गई थी। बाद में गांव के एक खेत में उसका शव मिला था। गैंगरेप के बाद लड़की को मार डाला गया था। कोपर्डी कांड के आरोपी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यही वजह है कि इस कांड के बाद मराठाओं में दलितों के प्रति भी आक्रोश बढ़ा।