महिला लेक्चरर की आपबीती सुनकर भावुक हुए राहुल, मंच से उतरकर गले लगाया

गुजरात: पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए गुजरात गये राहुल गाँधी के साथ शिक्षा जगत के लोगों के आमंत्रण पर शिक्षकों, प्राध्यापकों, व्याख्याताओं से बातचीत के दौरान अंशकालीन महिला लेक्चरर ने उन्हें अपना आप बीती सुनाया, जिसको सुनकर राहुल गाँधी भावुक हो गये और मंच से निचे उतारकर उस महिला लेक्चरार को गले लगाया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के इस तरह का व्यवहार लोगों के दिल को छू गया।

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ख़बर के मुताबिक, राहुल के संबोधन के बाद जब व्यख्याता रंजना को माइक दिया गया तो उन्होंने दिल खोल कर अपनी बात कही। रुंधे गले से रंजना ने खुद को अंशकालीन व्याख्याता बताते हुए यह बताया कि प्रदेश में उनकी तरह कई ऐसे व्याख्याता हैं जिन्हें उनके बुनियादी अधिकार से वंचित रखा गया है।
उनहोंने कहा कि अंशकालीन सेवा के 22 साल बीत जाने के बाद भी हमारा वेतन केवल 12 हजार रूपया प्रति महीना है। हमें मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है, इस सेवा के दौरान हमने जिंदगी का सबसे खराब समय देखा है।

रंजना ने कहा कि अब सरकार 40 हजार रूपया प्रति महीना वेतन निश्चित कर हम लोगों की पूरी सेवा को समाप्त कर देने की योजना बना रही है। दूसरों की तरह हम भी पेंशन और अन्य लाभ के साथ रिटायर होना चाहते हैं ताकि सम्मानित जीवन जी सकें।

रोते हुए उनहोंने कहा कि अब कोई आशा नहीं है, केवल हम जानते हैं कि हमने किस प्रकार का संघर्ष किया है और किस प्रकार के दर्द से हम गुजरे हैं। उनहोंने राहुल गाँधी से निवेदन किया कि वह आश्वस्त कराएँ कि अगर उनकी पार्टी गुजरात में आती है तो उनसे रंजना जैसे लोग प्रभावित नहीं हो।

रंजना के बोलने के बाद हाथ में माइक रखे राहुल ने कुछ रूक कर कहा कभी-कभी कुछ प्रश्नों का उत्तर आप शब्दों के साथ नहीं दे सकते हैं। इसके बाद 47 वर्षीय कांग्रेस सांसद ने अपना माइक मंच पर रखा और व्याख्याता की तरफ उसे सांत्वना देने के लिए बढ़े जो हाल के मध्य में एक कतार में बैठी थीं। उनहोंने रंजना के साथ कुछ देर तक बातचीत की और मंच पर आने से पहले उन्हें गले भी लगाया।