VIDEO: पद्मावती विवाद पर बोली शायर ‘लता हया’, कहा- इतिहास के साथ छेड़खानी न की जाये

नहीं मैं वो अदा जो आशिक़ों की जान होती है,

नहीं शम्मे हसीं जो महफिलों की शान होती है,

मैं हूँ हालात पर लिखी हुई कोई ग़ज़ल गोया,

‘हया’ शामिल न हो तो शायरी बेजान होती है.

ब्राह्मण कुल में जन्मी लोकप्रिय उर्दू कवियत्री, टीवी अभिनेत्री और एक सामाजिक कार्यकर्ता लता हया जो आज किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं. जो हिंदी की बेटी हैं और उनका पालन पोषण उर्दू ने किया है

मैं हिंदी की वो बेटी हूँ, जिसे उर्दू ने पाला हैं
अगर हिंदी की रोटी हैं, तो उर्दू का निवाला है……

लता हया का जन्म राजस्थान के जयपुर जिले में एक  हिंदू मारवाड़ी  ब्राह्मण  परिवार में हुआ. और इनका झुकाव इस्लाम की ओर अधिक था.

आज इनका नाम उर्दू अदब के सर्वश्रेष्ठ मंचों पर अदब से लिया जाता हैं. और “हया’ आज एक चमकते सितारे के रूप में चमक रही हैं. इनकी लिखी नज़्म और कविताओं में हिंदी और उर्दू का संगम देखने मिलता हैं.

हिंदी उर्दू साहित्य  और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में समाज के प्रति  दिए  योगदान के कारण उन्हें कई सम्मानों से भी नवाज़ा जा चूका है

आज इंडिया टीवी से बात करते हुए उन्होंने “पद्मावती” विवाद सहित कई अहम् मुद्दों पर बात की

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