मुस्लिम छात्रों को आतंक के झूठे आरोप में गिरफ़्तार करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई हो: मौलाना अरशद मदनी

देवबंद से हिरासत में लिए गए निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को लेकर एटीएस और मीडिया ने बढ़ा चढ़ाकर जो दावे पेश किए और उनके साथ मदरसों को आतंकवाद के अड्डे बताने की साजिश की गई, इससे मुसलमानों में सख्त चिंता पाई जा रही है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे देश की खुफिया एजेंसियों और तथाकथित राष्ट्रीय मीडिया के मदरसों के खिलाफ एक संगठित साजिश करार दिया है।

मौलाना सैयद अरशद मदनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि इससे पहले भी विभिन्न अवसरों पर ऐसा दिखाने की कोशिश की गई है, जैसे मदारिस इस्लामिया आतंकवादी अड्डे हों। लेकिन अल्लाह का शुक्र है कि आज तक देश की खुफिया एजेंसियां किसी भी मदरसा के खिलाफ कोई सबूत पेश करने में नाकाम रही, इतना ही नहीं खुद भाजपा के गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी संसद में इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि मदरसों का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है और किसी भी मदरसा के खिलाफ सरकार के पास कोई सबूत नहीं है।

मौलाना मदनी ने कहा कि मदरसों की भूमिका हमेशा साफ है और मदरसों ने देश की आजादी की लड़ाई में जो कुर्बानियां दी हैं उसको भुलाया नही जा सकता, और उनके सामने मौजूदा राजनीतिक दलों का कद बहुत छोटा है।

उन्होंने कहा कि यह सब मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है अन्यथा इन युवकों को आतंकवाद के आरोप में पकड़ा ही क्यों गया? जब मीडिया ने उन्हें आतंकवादी के रूप में बदनाम कर दिया तब जांच एजेंसी ने कह दिया कि उनके खिलाफ सबूत नहीं है इसलिए हम छोड़ रहे हैं आखिर यह जांच इन युवकों को हिरासत में लिए जाने से पहले ही क्यों नहीं की गई? मौलाना मदनी ने कहा कि 24 घंटे तक सभी चैनल इन युवकों को आतंकवादी के रूप में पेश करते रहे और उनके नाम अलग अलग आतंकवादी संगठनों से जोड़ दिए गए। जबकि जांच में वह निर्दोष पाए गए।

इतना ही नहीं उसकी आड़ में एकबार फिर मदरसों को निशाना बनाया गया। यह दारुल उलूम को बदनाम करने का षड्यंत्र था। यह किसी भी अपराध से कम नहीं है। इसलिए उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जिनकी वजह से इन युवकों, उनके परिवारों, शिक्षकों और मदरसों के ज़िम्मेदारों को मानसिक संताप से दो-चार होना पड़ा और मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई।

मोलाना मदनी ने कहा कि जब तक कि गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहेगा और निर्दोष युवकों को गिरफ्तार करके उनके कैरियर को यूंही नष्ट किया जाता रहेगा। मौलाना मदनी ने गृह मंत्रालय को बयान जारी करके देश के सामने सत्य जारी करने की मांग की।