बीजेपी द्वारा एक देश, एक चुनाव की बात को झटका लगा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि देश में पहले चार चुनाव एक साथ ही थे। अगर कानून में संशोधन हो, मशीनें पर्याप्त हों और सुरक्षाकर्मी जरूरत के हिसाब से हों, तो ऐसा संभव है। लेकिन आज के परिपेक्ष के यह संभव नहीं है।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्य विधानसभाएं अगर सहमत हो जाएं तो एक साथ चुनाव कराना संभव है। हालांकि देश में इतने वीवीपैट ही नहीं हैं कि 11 राज्य के विधानसभा चुनाव और देश में लोकसभा चुनाव एक साथ करवाएं जाएं।
#WATCH: Chief Election Commissioner, OP Rawat, says, "simultaneous polls aren't possible without amendments in law. But if polls are to be held in installments, like in 11 states at once, possibilities are there if all respective houses agree to dissolve & conduct polls together" pic.twitter.com/d5JU5oHCuO
— ANI (@ANI) August 14, 2018
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा, ”अगर 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ करवाने हैं तो इस पर अगले एक-दो महीने में ही फैसला लेना होगा।
क्योंकि इसके लिए काफी बड़ी मात्रा में नई वीवीपैट मशीनें ऑर्डर करनी होंगी। साल के अंत में होने वाले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ भी लोकसभा चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि ‘एक देश एक चुनाव’ के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने में भले ही मोदी सरकार और चुनाव आयोग के सामने संवैधानिक दिक्कतें हों, लेकिन बीजेपी सूत्रों की मानें तो 2019 में लोकसभा के साथ एक दर्जन राज्यों के विधानसभा चुनाव कराकर ‘एक देश एक चुनाव’ की दिशा में एक बड़ा उदाहरण पेश कर सकती है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर विधि आयोग को पत्र लिखा था, जिसमें बाद यह मुद्दा गरमा गया था।