राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराना BJP के लिए नहीं होगा आसान !

तीन तलाक को लोकसभा में रजामंदी मिलने के बाद अब सबकी निगाहें राज्यसभा पर है। लोकसभा में तो तीन तलाक बिना किसी बड़ी दुविधा के पास हो गया लेकिन राज्यसभा में इसे पास कराना आसान नहीं है। राज्यसभा में इस बिल को 2 जनवरी को पेश किया जाएगा।

 

राज्यसभा में तीन तलाक बिल को पास कराना आसान नहीं माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस इसको लेकर कुछ कम आक्रामक है। वजह है उसका नया टेक। बता दें कि पिछली चुनावों में कांग्रेस ने अपने सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर जो यूटर्न लिया है उसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी इस बिल को सीधे तौर पर कुछ संशोधनों के साथ पास कराने के पक्ष में लग रही है।

 

लोकसभा में बिल पास होने के बाद भाजपा भी बिल को लेकर थोड़ी नरमी बरत रही है। सरकार सभी विपक्षियों दलों की आपत्ति पर विचार करने को तैयार दिख रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल समर्थन में दिखे लेकिन इसके साथ मुआवजा और क्रिमिनल ऐक्ट को जोड़ने की बात कही। सभी संशोधनों को नजरअंदाज करते हुए बिल कर दिया गया।

 

लेकिन राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए भाजपा के पास बहुमत नहीं है ऐसे में उन्हें छोटी विपक्षी पार्टियों की जरूरत पड़ेगी। वहीं कांग्रेस भी सीधे तौर पर विरोध से बच रही है। आंशका है कि बिल को पास कराने के लिए कांग्रेस कई सारे संशोधनों को मनावर बिल को लटका सकती है। सीधे तौर पर विरोध नहीं कर सकती, वजह है कि अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से दूरी बना रही है। साथ ही बिल का विरोध करके महिला विरोधी भी नहीं दिखना चाह रही है।

 

अगर राज्यसभा में संशोधन मान भी लिए जाते हैं तो इसके बाद इसे लोकसभा में भी पारित करना होगा जिसके लिए 5 जनवरी से पहले करना होगा क्योंकि शीतकालीन सत्र सिर्फ 5 जनवरी तक है। ऐसे में भाजपा के लिए राज्यसभा में बिल पास कराना आसान नहीं होगा।

साभार- नोवोदय टाइम्स