मदर टेरेसा के चैरिटी होम में लाखों की कीमत पर आधा दर्जन बच्चे बेचे गए, दो नन गिरफ्तार

रांची : कुंवारी लड़कियों का प्रसव कराने और उनके बच्चों को बेचने के मामले में झारखंड की राजधानी रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की दो नन व एक महिला कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। मदर टेरेसा ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी। रांची के पूर्वी जेल मार्ग के पास स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की शाखा में कुंवारी लड़कियों को मां बनने के लिए आश्रय दिया जाता है। और फिर प्रसव हो जाने के बाद उनके बच्चों को ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना मदर टेरेसा ने की थी। इसी संस्था के फर्जी काम के बल पर मदर टेरेसा को नोबल अवार्ड दिया गया था और इसी उपलब्धि पर उन्हें वेटिकन ने सेंट की उपाधि भी दी थी। इन खतरनाक अपराधों के सामने आने से वेटिकन पर सवाल खड़ा हो गया है।

रांची पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी मंडल ने बताया कि “पूछताछ के दौरान, बताया गया कि वे 50,000 रुपये से 150,000 रुपये तक की भारी राशि लेकर अवैध रूप से अवांछित माताओं के बच्चों को बेच रहे थे,”।

इस मामले में अनिमा इंदवार, सिस्टर कोनसीलिया और सिस्टर मेरिडियन गिरफ्तार हुई हैं। अनिमा इंदवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि सिस्टर कोनसिलिया और सिस्टर मेरिडियन से पूछताछ की जा रही है। अनिमा इंदवार और सिस्टर कोनसीलिया ने बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की है। थाना कोतवाली में अपना अपराध स्वीकार करते हुए कोनसीलिया कहा कि मैंने बच्चा बेचा है मुझे माफ कर दिया जाए। सिस्टर मेरिडियन इस संस्था की संचालिका है। वह इस घटना से मुकरने का प्रयत्न कर रही हैं। जबकि कई वर्षों से वहां ऐसा चल रहा है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इन बातों का पता संस्था की संचालिका को न हो यह कैसे हो सकता है?

जांच में यह रैकेट पकड़ने वाली संस्था चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने अनिमा इंदवार, सिस्टर कोनसिलिया और सिस्टर मेरिडियन के विरुद्ध थाना कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इनके खिलाफ झारखंड पुलिस की एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक्शन लिया है। पूछताछ में अनिमा इंदवार ने स्वीकार किया है कि उसने इन दोनों के साथ मिलकर एक अविवाहित गर्भवती लड़की के नवजात को उत्तरप्रदेश के एक दंपती को बेचा है।

अनिमा इंदवार ने माना कि वह और सिस्टर कोनसीलिया 6 बच्चों का सौदा कर चुकी हैं। पुलिस के मुताबिक सिस्टर कोनसीलिया ने चार बच्चे बेचने की बात स्वीकारी है। ये बच्चे कांटाटोली, मोरहाबादी, सिमडेगा और यूपी में बेचे गए हैं, मगर इन बच्चों या खरीदने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यूपी की दंपती को एक बच्चा एक लाख बीस हजार में बेचा इसमें से 32 हजार रुपए अनिमा इंदवार ने लिए थे और लगभग 90 हजार रुपये कोनसलिया ने लिए थे। सिस्टर कोनसिलिया और सिस्टर मेरिडियन को हिरासत में रखा गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।

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मिशनरीज ऑफ चैरिटी की निर्मल हृदय नाम की इस इकाई ने अपने काले धंधे के तहत वहां अनेक लड़कियों को रखा हुआ था उनकी डिलीवरी करवाने के लिए। अभी (सीडब्ल्यूसी) ने वहां से 13 अविवाहित गर्भवती लड़कियों को सुरक्षित निकाला है। ये सभी 13 लड़कियां नाबालिग हैं। इन सभी को नामकुम महिला होस्टल में रखा गया है। इनमें एक 13 वर्ष की अविवाहित नाबालिग गर्भवती लड़की की डिलीवरी हो चुकी है। दो अन्य नाबालिग गर्भवती लड़कियां सदर अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती हैं।

राज्यसभा सांसद समीर उरांव और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष सह विधायक रामकुमार पाहन ने कहा है कि मिशनरीज अनेकों प्रकार के अनैतिक धंधे में लगी हुई हैं। अब इनके सारे गोरखधन्धों का भंडाफोड़ होता जा रहा है। इनके खिलाफ उच्चस्तरीय गहन जांच होनी चाहिए।