देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने बड़ा बयान दिया है। रावत ने कहा कि चुनाव को लेकर हाल के दिनों में जिस तरह की घटनाएं हुईं हैं उससे लगता है कि राजनीतिक पार्टियां किसी भी कीमत पर जीत हासिल करना चाहती हैं चाहे इसके लिए उन्हें नैतिकता को ही ताक पर क्यों न रखना पड़े।
ओ पी रावत के इस बयान को पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई घटनाओं के मद्देनजर अहम माना जा रहा है जहां राज्यसभा की एक सीट के लिए दो बडी़ सियासी पार्टियों के बीच शह और मात का खेल खेला गया था।
रावत ने कहा कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों तभी लोकतंत्र पनपता है, लेकिन एक आम आदमी को ऐसा लगता है जैसे हम ऐसी एक कहानी तैयार कर रहे हैं जिसमें नैतिकता को छोड़कर किसी भी कीमत पर जीत को ही प्राथमिकता दी जा रही है।
रावत ने सीधा हमला करते हुए कहा कि विधायकों की खरीद-फरोक्त करना, उन्हें धमकाना एक चतुर चुनावी प्रबंधन है। किसी को अपनी ओर करने के लिए पैसे का लालच देना, राज्य तंत्र का उपयोग करना, ये सब चुनाव जीतने का हिस्सा बन गया है।
विजेता कोई पाप नहीं कर सकता है और एक हारने वाले को भी इस अपराधिक दोष से मुक्त नहीं किया जा सकता है। आज की राजनीति में यह एक तरह की साधारण चीज हो गई है।