PICS: योग का मक़सद अल्लाह के निर्माण में गौर करना है, इसमें नास्तिकता नहीं: रूबा मोहम्मद

काहिरा: कुवेत में वक्फ मंत्रालय की ओर से जुमा के दिन देश की मस्जिदों में बांटे गए खुतबे में योग, भौतिक विज्ञान के बहुत से कानून और अन्य वैज्ञानिक मामलों को नास्तिक करार दिया गया है। जिसके बाद एक विवाद खड़ा हो गया है।

 

इस संबंध में मिस्र में महिला योग ट्रेनर रूबा मोहम्मद ने अल अरबिया डॉट नेट को बताते हुए इस व्यायाम की प्रकृति को फायदे और ध्यान के साथ और इसके तरीके पर प्रकाश डाली।

रूबा मोहम्मद के मुताबिक योग वास्तव में मनुष्य की व्यक्तित्व और ब्रह्मांड के बीच और आत्मा और मनुष्य के शरीर के बीच एकता या संपर्क का नाम है। यह एकता ध्यान या यकसूई द्वारा सुनिश्चित बनाया जाता है।

योग की मिस्री विशेषज्ञ महिला ने कहा कि ध्यान वह जरिया है जो इंसान को अपने साथ या कायनात के साथ जोड़ता है। योग का उद्देश्य तो ब्रह्मांड में अल्लाह के निर्माण के बारे में सोचना है तो फिर इसमें नास्तिकता कहाँ से आ गया। उन्होंने बताया कि मौजूदा कुछ सालों में योग बहुत तेज़ी के साथ फैला है। क्योंकि जिंदगी के बढ़ते हुए दबाव के नतीजे में लोग शांति, सुकून और मानसिक पारदर्शिता की तलाश में हैं।