‘मोदी सरकार ने न्यायपालिका पर दबाव बनाकर साईबाबा को फंसाया है’

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली कोर्ट से माओवादियों के साथ सम्बन्ध रखने के दोष में उम्र कैद की सज़ा मिलने के बाद प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा की पत्नी ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने केंद्र सरकार पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने और न्यायपालिका पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।

साईबाबा की पत्नी वसंत कुमारी ने कहा कि कोर्ट का फैसला हैरान करने वाला है। महाराष्ट्र के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें सभी आरोपियों को उन पर लगे सभी आरोपों का दोषी पाया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई।”

उन्होंने कहा, “अभियोजन पक्ष अपने किसी भी सबूत को साबित नहीं कर पाया। इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को सील नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने कॉरपोरेट्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इशारे पर न्यायपालिका पर जनविरोधी और अलोकतांत्रिक नीतियों को लागू करने का दबाव बनाया।”

उन्होंने कहा कि वह अपने पति की रिहाई के लिए उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ेंगी, साथ ही उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से सरकार के ‘अलोकतांत्रिक चरित्र’ की निंदा करने की अपील की।

साईबाबा को महाराष्ट्र पुलिस ने मई 2014 में गिरफ्तार किया था। प्रोफेसर जीएन साईबाबा बतौर सामाजिक कार्यकर्ता, रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम की भी एक संस्था से जुड़े हुए थे।

प्रोफेसर जीएन साईबाबा बतौर सामाजिक कार्यकर्ता, रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम की भी एक संस्था से जुड़े हुए थे।