‘हां, मैंने गिरवाई थी अयोध्या में बाबरी मस्जिद’

बाबरी विध्वंस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। भाजपा के पूर्व सांसद और बाबरी विध्वंस मामले के आरोपी डॉक्टर रामविलास दास वेदांती ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार को बचाने के लिए नया दांव खेला है।

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ख़बर के मुताबिक़, वेदांती ने पूरे मामले का आरोप अपने सर ले लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे, महंत अवैधनाथ और अशोक सिंघल के कहने पर 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया था।

उन्होंने कहा कि यह आरोप कि मस्जिद गिराया है, सरासर गलत है…वहां कोई मस्जिद नहीं थी बल्कि वहां राम मन्दिर का ढांचा था। राम मन्दिर को फिर से बनाने के लिए उस ढाँचे को तोड़ा गया था।

वेदांती ने कहा कि उस समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित अन्य आरोपी कारसेवकों को शांत करने की कोशिश कर रहे थे।

वेदांती ने कहा, “मैं, महंत और अशोक सिंघल ने ही कारसेवकों को उकसाया था कि एक धक्का दो, बाबरी ढांचा गिरा दो।

बता दें कि वेदांती के इस बयान को भाजपा और विहिप के वरिष्ठ नेताओं को बचाने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाया जाने का कहा था। इस मामले में केवल कल्याण सिंह को छूट दी गई है, क्योंकि वे वर्तमान में राज्यपाल हैं।