माहे-रमज़ान एक ढाल है जिससे टकराकर मुसीबतें वापस लौट जाती हैं

रमज़ान के मुकदस महीने के शुरू होने से पहले नबी करीम रजब और शाबान (हिज़री कैलेंडर में सातवाँ और आठवां महीना) से ही दुआ करते थे -” या अल्लाह ! तू हमें रज़ब और शाबान में बरकत अता फरमा और हमें रमज़ान मे पंहुचा दे”.

रोज़ा हमें सब्र करने की कुवत और ताकत का अभ्यास कराता है. जिससे हम बेहतर इंसान बनते हैं. हमारा दिल और दिमाग स्वस्थ होता है पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद ने फ़रमाया है , “रोज़ा रखो सेहतमंद रहोगे, यह ज़माने की मुसीबतों के लिए ढाल का काम करता है”.

रोज़ा अल्लाह के आदेशों में से सबसे ज़रूरी आदेश माना जाता है. अल्लाह ने मुसलमानों पर रमज़ान के रोजों को फ़र्ज़ किया है , क्योंकि उसमे मुसलमानों के लिए अनगिनत फायदे हैं.

रोज़े में  खुद पर कंट्रोल रखने के कारण हमें शांति और रूहानी फायदे होते हैं, वही साईंस भी रोज़े के फायदे को सेहत के लिए अच्छा बताता है.

“रमज़ान” का अरबी जुबान में मतलब होता है – “झुलसा देने वाला और जला देने वाला”. रोज़े के दौरान हम ख़ुद पर कंट्रोल और अच्छे कामों की वजह से सभी बुराइयों को जला देते हैं.

अल्लाह ने रोज़े का एक फ़ायदा यह भी बताया है कि इससे इंसान धीरे-धीरे परहेज़गार बनने लगता है. दिलों में लगी जंग दूर हो जाती है और दिल साफ़ हो जाता है. इंसान का दिल दिमाग साल भर की गैर-ज़रूरी ख्वाहिशों और गुनाहों की स्याही से मैला- कुचेला हो जाता है .

रोज़ा इसी मैल और स्याही को दूर कर इंसान के पाक और साफ़ बनाने की कोशिश है. दरअसल, रोज़े  के दरम्यान इंसान जब खाना-पीना छोड़ता तो उसकी गैर-ज़रूरी ख्वाहिशें ख़ुद ही खत्म हो जाती है.

इस तरह रोज़ेदार गुनाहों की तरफ क़दम बढ़ाने से रुक जाता है . खाने-पीने और गैर-ज़रूरी ख्वाहिशों पर क़ाबू पाने से उसकी आत्मा और साँसों मे ताज़गी पैदा होती है जिससे इबादत करने में मज़ा आता है .

इंसान ख़ुद को चुगली, झूठ और चोरी से बचने की आदत बना लेता है. इस तरह अगर वही रोज़ेदार थोड़ी- सी और कोशिश करे तो उसे साल के बचे दिनों मे भी इसी आदत को परवान चढ़ाने का अच्छा मौक़ा मिल जाता है. चूंकि यह सब कोशिशें अल्लाह के प्यार और उसकी ख़ुशी हासिल करने के लिए की जाती है.

इसलिए अल्लाह भी रोज़ेदार को विशेष रूप से अपनी ओर से सवाब से नवाज़ते हैं. वे पहले दस दिनों मे रहमत, दूसरे दस दिनों में मागफिरत (माफ़ी) और आखरी दस दिनों में निज़ात ( मुक्ति ) अता करते हैं.