भ्रष्टाचार ख़त्म होने का दावा पी आर एजेंसी करने लगी हैं: रवीश कुमार

भ्रष्टाचार कम होने या ख़त्म होने का एक ही पैमाना है। अगर ऐसा हुआ है तो सैंकड़ों की संख्या में होने वाली राजनीतिक रैलियाँ शामियाने में हो रही होंगी और नेता-महानेता, प्राइवेट जेट, हेलिकाप्टर का इस्तमाल कर ही नहीं पाएँगे।

कुछ अपवाद छोड़ दें तो आज कल टीवी पर नेताओं प्रवक्ताओं के कपड़े पर ग़ौर कीजिए। गर्मी के दिनों के जैकेट की लागत औसतन पाँच से आठ हज़ार की होती है मगर सर्दी में एक जैकेट पचास हज़ार का भी होता है और एक लाख का भी। जो वकील टाइप नेता हैं वो तो पहन सकते हैं लेकिन बाक़ियों को इतने महंगे कपड़े पहनने का शौक़ क्या सफेद पैसे से परवान चढ़ता है ?

राजनीति में भ्रष्टाचार ख़त्म होने का असर पहनावे और गाड़ियों पर भी दिखने लगेगा। जब तक यह नहीं होता, समझिए भ्रष्टाचार ख़त्म होने का दावा किसी पी आर एजेंसी ने किया है। जिस दिन भ्रष्टाचार मिट जाएगा उस दिन मौजूदा राजनीति का यह दौर भी नेता और पार्टी समेत मिट जाएगा। तब तक के लिए आप बकवास सुनते रहें।