भगवा ब्रिगेड की शर्मनाक हरकत, इतिहास में देश के उप-राष्ट्रपति पर ऐसे हमले कभी नहीं हुए

 उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है। फेयरवेल समारोह से पहले अंसारी ने राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश के मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और घबराहट का माहौल है। 

इस दौरान उन्होंने असहिष्णुता और गौ रक्षा के नाम पर फैलाए जा रहे आतंक का भी ज़िक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें बुरा लगता है जब कोई उनसे उनकी देशभक्ति के बारे में पूछता है। जब उनसे यह पूछा गय़ा, “क्या उन्होंने यह मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखे?, तो उन्होंने कहा, जी मैंने बिल्कुल रखे”।

हांमिद अंसारी का यह बायन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को नगवार ग़ुज़रा। खासतौर पर भगवा ब्रिगेड ने अंसारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कुछ ने उनके बयान की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए तो कुछ भगवाधारियों ने तो उन्हें पाकिस्तान का रास्ता तक दिखा दिया।

बीजेपी कार्यकर्ता प्रवीण कुमार दिक्षित ने ट्वीट किया, “हामिद अंसारी को किसी मदरसे का मौलवी बनना चाहिए था ग़लती से देश के उपराष्ट्रपति बन गये।”

वहीं, न्यूज़ 24 के न्यूज़ एंकर मनक गुप्ता ने अंसारी की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए लिखा, “इंटॉलरन्स और तीन-तलाक़ पर 10 साल VP रहे हामिद अंसारी की भाषा कहती है। पॉलिटिक्स में उतरने का इरादा है शायद।

खैर, यह पहली बार नहीं है जब हामिद अंसारी को इस तरह के कमेंट्स का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगे को सलामी न देने को लेकर उनपर जमकर छींटाकशी की गई थी। जबकि तिरंगे को सलामी प्रोटोकॉल के खिलाफ थी।

जून 2015 में, भाजपा के महासचिव राम माधव ने हामिद अंसारी की ईमानदारी पर सवाल उठाया था। माधव ने अपने ट्वीट में सवाल किया था कि अंसारी दिल्ली में राजपथ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह से शामिल क्यों नहीं हुए।

ऐसा लगता है कि एक मुस्लिम 10 साल तक उप राष्ट्रपति के पद पर रहने के बावजूद हिंदुत्ववादी विचारधारा के समर्थकों को सही से नहीं समझ सका,  जिसकी वजह से उन्हें लगातार निशाना बनाया गया।