रामपुर: आरएसएस का अपना संविधान है, उनका अपना झंडा है और उनकी राष्ट्रीय झंडे में आस्था बहुत कम है। यह बात समजवादी पार्ट्री के राष्ट्रीय महासचिव आज़म खान विधायक ने इलेक्ट्रानिक मीडिया से बातचीत करते हुए कही।
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राम मंदिर मामले में अयोध्या के एक संत के बयान पर कि 18 दिसंबर से राम मंदिर की निर्माण शुरू हो जाएगी, उसपर आज़म खान ने तंज़ कसते हुए कहा कि कोनसा राम मंदिर कितने, कितने राम मंदिर हैं वहां पर अयोध्या में जितने राम मंदिर हैं सबका दावा है कि राम यहाँ पैदा हुए थे।
उन्होंने कहा जहाँ मस्जिद में मूर्तियाँ राखी थीं, वहां तो 6 दिसंबर से 8 दिसंबर 1992 तक चबूतरा बना और उसी पर मूर्तियाँ रख दी गईं। आज भी वहां पूजा होती है। सुप्रीम कोर्ट में मुक़दमा लंबित है, उसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी की ओर से बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसला उनके हक में आयेगा, क्योंकि सरकार ने उन्हें कुछ इशारे दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सच्चाइयों को स्वीकार कर लेना चाहिए, हमने भी स्वीकार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मथुरा में होली खेलेंगे कि सवाल पर आज़म खान बोले कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सीनियर मोस्ट जजेज़ जिसके बाद सिर्फ आसमान की अदालत रह जाती है, अब जनता को भारत की लोकतंत्र के बारे में तय करना होगा। समाजवाद के बारे में तय करना होगा। उत्तर प्रदेश में भगवा रंग लेकर आरएसएस गंभीर नजर आ रही है। पूर्व मंत्री आज़म खान बोले आरएसएस की सरकार उत्तर प्रदेश और भारत में है, इसमें बुरा मानने की क्या बात है। उन्होंने कहा कि आरएसएस को पहले भी तिरंगे में बहुत कम आस्था था।उन्होंने कहा कि मैंने सुना है उनका अपना संविधान है, अपना झंडा हैम जिसे एक दम तो लागु नहीं कर सकते, इसलिए धीरे धीरे कर रहे हैं।