म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित वापसी की बात महज एक दिखावा है: एचआरडब्ल्यू

वाशिंगटन। अमेरिका के सबसे बड़े मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि अक्टूबर से नवंबर के बीच म्यांमार में सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के 40 गांव को जला दिया। उनहोंने कहा कि म्यांमार का निर्वासित शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी को यकिनी बनाने का प्रतिबद्धता महज एक दिखावा है।

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एचआरडब्ल्यू एशिया के डायरेक्टर ब्रेड एडम्ज ने कल बताया कि उपग्रहों से ली गई तस्वीरों के आधार पर हिंसा की घटनाओं की जांच की गई। जिसमें यह पता चला कि अक्टूबर व नवम्बर के बीच उन रोहिंग्या मुस्लिमों के गाँवों को जला दिया गया है।

उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिमों के गांवों को लगातार ख़त्म करने से यह पता चलता है निर्वासित शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी को यकिनी बनाने का प्रतिबद्धता महज एक दिखावा है।

एडम्ज ने कहा कि जांच में यह पता चला है कि रोहिंग्या के गांवों को लगातार नष्ट किया जा रहा है, जबकि सेना इससे इंकार कर रही है। संगठन ने म्यांमार की सेना पर सैनिक कार्रवाई के दौरान हत्या और बलात्कार समेत कई तरह के ज़ुल्म करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि म्यांमार सेना द्वारा 25 अगस्त से शुरू किए गए आक्रामक सैन्य कार्रवाई के बाद लगभग 6 लाख 55 हजार रोहिग्याईयों को अपनी जान बचाकर बांग्लादेश जाने पर मजबूर होना पड़ा।