स्कूल में छात्राओं को गंदी फिल्में दिखाकर, यौन शोषण करके बनाते थे वीडियो

नई दिल्ली। यूपी के हरदोई से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर आ रही है। यहां के दो स्कूलों में छात्राओं के यौन शोषण का मामला सामने आया है। दोनों स्कूल सरकारी कस्तूरबा विद्यालय हैं। यहां छात्राओं को पहले गंदी फिल्में दिखाई जातीं, फिर उनका यौन शोषण किया जाता। इस दौरान उनका वीडियो भी बनाया जाता ताकि छात्राएं कभी किसी से कोई शिकायत ही ना करें। पुलिस ने इसमें एक अंशकालीन अध्यापक और सहायक रसोइया की करतूत के खुलासे के बाद डीएम ने संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत बेटियों के लिए दूर-दराज क्षेत्रों में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय निर्धन बच्चियों की पढ़ाई के लिए होता है। स्कूल में बच्चियां रुकती भी हैं जिनके खाने से लेकर पढ़ाई तक सारा खर्च राज्य एवं केंद्र सरकार उठाती है। सरकार जहां बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ के लिए तमाम योजनाओं पर काम कर रही है वहीं हरदोई में एक अंशकालीन अध्यापक औक एक सहायक रसोइये पर आरोप है कि उन्होंने पोर्न फिल्में दिखाकर बच्चियों का यौन शोषण किया। डीएम हरदोई की जानकारी में आते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को एफआईआर दर्ज़ कराने के आदेश दिए जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर रसोइये ओर अध्यापक की गिरफ्तारी के प्रयास तेज़ कर दिए।
महिला रसोइया ने बच्चियों से कराया दुष्कर्म 
पहला मामला है हरदोई के शाहाबाद कस्तूरबा आवासीय विद्यालय का है जहाँ पर तैनात सहायक रसोइया धनदेवी फुल टाइम स्टाफ और बच्चों के साथ दिन-रात रहती है। इन पर आरोप है कि ये छात्राओं को प्रलोभन देकर अपनी ओर आकर्षित करती थी। छात्राओं को अश्लील वीडियो और फ़िल्म दिखाकर सेक्स के प्रति आकर्षित करती थी। एक-दो लड़कियों को ये अपने घर ले कर गईं जहां इसने नए कपड़े ख़रीदवाए और फिर घर आये लड़के के साथ दुष्कर्म भी करवाया। जब लडकियां स्कूल आयीं तो उन्होंने स्कूल वार्डेन को बताया जिस पर वार्डेन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जिस पर जांच कराई गई और मामला सही पाया गया।
शिक्षक ने बनाई बच्चियों की पोर्न क्लिप्स 
अब दूसरे कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की बात करें तो वो है थाना बेनीगंज के कोथावां का है जहाँ तैनात एक अंशकालीन शिक्षक ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने अध्यापन के दौरान बच्चियों को पहले तो पोर्न फिल्म दिखाते थे और साथ ही बच्चियों की गन्दी क्लिप्स भी बनाते थे जिससे बच्चियां इनसे डरी-सहमी थीं और उन्होंने इसकी शिकायत अपनी वार्डेन से की थी। वार्डेन ने इसकी जानकारी बीएसए को दी थी जिसकी जांच के बाद आरोप सही पाए गए थे पर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अभी हाल ही में हरदोई की डीएम शुभ्रा सक्सेना को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और बेसिक शिक्षा अधिकारी से इसमें कार्रवाई करने के लिए आदेश दिया। उनके आदेश के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग ने तुरंत दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कर दी।