नफरत की आग किसी धर्म या जाति को नहीं जानती, चुप रहकर आप उसमें घी डालने का काम कर रहे हैं..

सोशल मीडिया पर एक रेडियो जॉकी लोगों को बुराई के खिलाफ खड़े होने के लिए कुछ इस तरह से संदेश दे रही हैं।
अपने स्टूडियो में बैठे हुए इस महिला आर जे का कहना है कि इस वक़्त देश में तीन तरह के लोग है।
पहले वो जो नफरत की आग लगा रहे हैं और आगे के लिए नफरत के बीज बो रहे हैं। दरअसल ये लोग नए नहीं। ये लोग हर जमाने में पाए जाते हैं।
दूसरे वो हैं, जिनकी जिंदगी का मकसद है सही और अच्छाई का साथ देना। इंसानियत का धर्म निभाना। ये लोग इंसानियत का साथ देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते, यहाँ तक कि वे अपनी जान की परवाह किए बिना बुराई के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। नफरत की फैक्ट्रियां जो पहली तरह के लोग बनाते चले जा रहे हैं, उन्हें बंद करने की कोशिश करते हैं।

तीसरे तरह के लोग हैं जो सब कुछ देखते हुए भी चुप रहते हैं। हर बात पर चुप रहते हैं, चाहे आपके सामने कुछ भी गलत हो रहा हो। कुछ गलत पढ़ते हैं, देखते हैं या सुनते हैं, बस चुप रह जाते हैं। ‘
ऐसे लोग सोचते हैं कि हमारे बोलने से क्या होगा, लेकिन जब नफरत की आग भड़कती है तो तकलीफ सबको होती है। उस वक़्त जरूरत होती है कि बहुत सारे लोग उसे बुझाने की कोशिश करें। अगर ये आग बेकाबू हो गई तो इतनी फ़ैल जायेगी कि फिर ढेर सारे लोगों से भी नहीं बुझेगी।
हर इंसान उसके लपेटे में आएगी। ये आग किसी का धर्म या जाति नहीं जानती। वह नहीं जानती कौन अमीर है और कौन गरीब उसका काम है बढ़ना।
इसलिए इस आग को बुझाने के लिए हम सबको जुटना होगा।
जब भी अपने आसपास कुछ बुरा होते देखें तो आवाज़ उठाये। नहीं तो आपकी चुप्पी भी आग में घी का काम करती हैं: