देश में एक तरफ जहाँ दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ भाजपा ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को दलित के तौर पर पेश करके राष्ट्रपति पद के लिया अपना उम्मीदवार बनाया है।
सोशल मीडिया पर भाजपा के इस फैसले को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है। वहीं कई यूज़र्स का यह भी मानना है कि कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बावजूद भी मोदी सरकार में दलित उत्पीड़न बंद होना मुमकिन नहीं लगता।
क्या कह रहे हैं यूज़र्स
ये दलित से याद आया वो योगी आदित्यनाथ ही थे न जिनसे मिलने के लिए गरीब दलितों को नहा कर आने के लिए कहा गया था उन्हें साबुन तेल दिया था ।
— Gandhi Rishi Saini (@Rishi_INC) June 20, 2017
कहाँ तो नाम सुन रहे थे हरित क्रांति वाले स्वामीनाथन का।कहाँ दलित राजनीति की पेशक़दमी में ढूँढ़ लाए अपना ही बंदा।यहाँ भी कांग्रेसी कार्यशैली!
— Om Thanvi (@omthanvi) June 19, 2017
Fact:-
कोई भी मीडिया:पत्रकार या राजनीतिक पार्टी #दलित के सिवा श्री कोविंद जी के ज्ञान की बात करना नही चाहता,भारतीय राजनीति की सच्चाई है! pic.twitter.com/iEPbEwGFoZ
— नमो_नमः✍ (@SaffronSangh) June 19, 2017
विपक्ष चाहे तो बड़ा दॉंव खेल सकता है।मीरा कुमार को आगे करके।BJP तो फँसेगी,बिहार की दलित बेटी के नाम पर नीतिश भी फंस जाएँगे।#RamnathKovind
— Vinod Kapri (@vinodkapri) June 19, 2017
भाजपा मे राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ जी दलित चेहरा बने है। उसी तरह मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज मुस्लिम चेहरा है॥ @DubeyAbhay_ pic.twitter.com/QWJEDDcFjp
— राजीव पाण्डेय (@RajivPandey__) June 20, 2017