नोटबंदी के महज 12 घंटे के अंदर ही इस पत्रकार ने लिख दिया था लेख, जो अब बिल्कुल सटीक साबित हो रहा है

RBI द्वारा हाल ही जो आकड़ें जारी किये गए वह अपने आप में एक चौका देने वाले आकड़ों के रूप में देश की जनता के सामने आये. जितनी अपेक्षा नोटबंदी से की गई वह सब की सब रखी की रखी हर गई.

लेकिन मोदी सरकार द्वारा की गई कालेधन के खात्मे की अपेक्षाएं धुल में लठ की तरह थी ? क्या यह फैसला बिना सोचे समझे ले लिया गया ?

बहरहाल, हाल ही में सोशल साइट्स ट्विटर पर दोबारा ट्रेन्ड होने वाले इस आर्टिकल जो देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सिंह परिहार द्वारा नोटबंदी के फैसले के महज कुछ घंटे के अंदर लिखा गया था.

8 नबम्बर की अर्धरात्रि को नोटबंदी का फैसला लिया गया और 9 नबम्बर की सुबह नोटबंदी से होने वाले फायदों को सटीक ढंग से वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सिंह परिहार द्वारा लिखा गया.

RBI द्वारा जो आकड़ों आज दिए गए वह मिलते जुलते अकड़े महज कुछ घंटों के अंदर ही देश की जनता को सुधीर सिंह परिहार द्वारा लिखे हुए इस लेख के रूप में मिल चूका था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को नोटबंदी के आंकड़े जारी कर दिए.

आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 में बताया गया कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपए के 8.9 करोड़ नोट वापस नहीं आए।RBI ने बताया की नोटबंदी के सिमित समय के अंदर कुल 99 प्रतिशत नोट वापस आ चुके है, जिससे एक बात तो साफ़ होती , की नोटबंदी के वाद लगभग पूरा का पूरा पैसा वापस आ गया, जिसके वाद नवीन नोटों की छपाई पर 7,965 करोड़ खर्च किया जा चूका है.