‘एंटी रोमियो स्क्वायड’ के बजाए पुलिस थानों को ऐसा बनाए जहाँ महिलाएं बिना डरे जाकर रिपोर्ट लिखवा सकें!

यूपी में छिछोरापंथी या सेक्सुअल हरैस्मेंट पे लगाम लगानी हो तो ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ के बजाय कुछ ढंग का और बुनियादी कदम उठाइये।जैसे: पुलिस थानों को इतना भयमुक्त जगह बनाइये जिससे महिलायें/लड़कियाँ वहाँ बेफ़िक्र जाकर रिपोर्ट लिखवा सकें। क्योंकि सबको पता है आम जनता के लिए थाने से ज़्यादा डरावनी जगह इस देश में कुछ नहीं।

दूसरी बात, पुलिस को भी जेंडर-सेंसिटिव बनाइये वरना किसको नहीं मालूम कि पुलिस ख़ुद भी कम हरैस नहीं करती लड़कियों का। तीसरे ये कि पुलिस को टाइट करिए कि वो छिछोरों को उनके पप्पा के राजनैतिक अथवा आर्थिक हैसियत की वजह से न बख्शें।

चौथा, पुलिस से कहिये कि पार्कों में किसी भी युगल को वीडियो बनाते हुए इन्टेरोगेट न करें ये निजता का उल्लंघन हैं। किसी भी को मारने-पीटने का लाइसेंस पुलिस को नहीं है।

योगी जी पुलिस को ये भी पता होना चाहिए कि प्रेमी युगल और छिछोरों में फ़र्क होता है (और हाँ आँखें देखकर कोई नहीं बता सकता कि कौन मोलेस्टर है जैसा कि यूपी पुलिस कह रही है)।

योगी जी! हम सब चाहते हैं कि समाज लैंगिक शोषण, मोलेस्टेशन से मुक्त हो और ये समस्या यूपी जैसे राज्यों समेत पूरे उत्तर भारतीय राज्यों में एक बड़ी समस्या है। आपने जो समाधान खोजा है उसकी तमाम रिपोर्ट्स राज्य भर से आ रही हैं जिसमें साफ़ दिख रहा है पुलिस ख़ुद हरैस कर रही है एंटीरोमियो स्क्वाड के नाम पर।

दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके समर्थकों की एक बहुत बड़ी संख्या स्वयं नीचता की हद तक छिछोरी और स्त्रीद्वेशी है। इनको भी कण्ट्रोल करिये। बाकी स्त्रियों के बारे में आपके मुँह से अब तक निकले उद्गार कुछ कम घटिया नहीं रहे हैं! ये और बात है अब आप मुख्यमंत्री हैं।

  • तारा शंकर