‘मौजूदा हालात में देश के संविधान को गंभीर खतरा है’

देश के मौजूदा हालात में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना बेहद ज़रूरी है। उसकी मद्देनजर हालत की नजाकत को महसूस करते हुए जमीअत उलेमाए हिन्द ने पुरे देश में उसे बतौर मिशन शुरू किया है।

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तिर्भे नाका (वाशी) के बस डिपो ग्राउंड में होने वाली इस सम्मेलन के बीच जमीअत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने खास तौर पर ख़िताब किया।

मौलाना सैयद अरशद मदनी ने तारीखी हवालों से बातचीत करते हुए कहा कि “मुसलमानों ने 1803 से 1947 तक आज़ादी की लड़ाई लड़ी है और उस रौशन इतिहास की बदौलत जमीअत उलेमा के बुजुर्गों ने देश की आज़ादी के मौके पर आँखों में आँखें मिलकर लोकतांत्रिक संविधान की मांग किया था। जिसको कांग्रेस के नेताओं ने स्वीकार किया था।

उसी संविधान को आज गंभीर खतरा है। मौलाना मदनी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि “अगर खुदा न्खास्ता देश के हालात इसी रुख पर चलते रहे तो संविधान की हत्या करने की कोशिश की जाएगी और उसका नुकसान सिर्फ मुसलमानों को नहीं होगा बल्कि सभी अल्पसंख्यक इसके चपेट में आएंगे।