” ULCER” है तो इन चीजों से परहेज करें

ऐसा माना जाता था कि पेट के ज़ख्म अल्सर खासतौर से तनाव और गलत खान पान के इस्तेमाल से होते हैं लेकिन अब ये ख्याल बदल गया है। हकीकत में पेट में ज़ख्म होने के अहम वजह हेलिकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया होते हैं। जो लोग पेट के अल्सर के शिकार होते हैं, डॉक्टर उन्हें एंटीबायोटिक दवाएं, एंटा एसिड्स और एसिड ब्लॉकर्स देते हैं। लेकिन कुछ फुड आइटम्स ऐसे होते हैं जो दवाओं के असर को कम करके ज़ख्म की शिद्दत को बढाते हैं।

कैफीन या कॉफी कैफीन चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोला, ठंडा , और दिगर कार्बोनेटेड शाफ्ट ड्रिंक जैसे मशरुबात खाने पीने वाली चीज़ों में पाया जाता है। इसलिए अगर आपको अल्सर की जरा भी शिकायत है तो इन मशरूबात या खाने की चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।

कैफीन मिले हुए खाने की चीजों का इस्तेमाल करने से पेट में एसिड (अम्ल) की पैदावारी में बढोतरी होने लगती है जिसके सबब आपकी परेशानी बढती है। पेट में एसिड की बढोतरी होने से आपके पेट का ज़ख्म मुतास्सिर होता है और पेट दर्द या दूसरी तकलीफों में बढोतरी होने लगती है।

पहले के जमाने में अकेले दूध को अल्सर से राहत पाने के लिए एंटा एसिड्स की तरह इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन ऐसा देखा जाता था कि शुरूआत में अल्सर के मरीज़ों को इस तरीके से राहत तो मिल जाती थी लेकिन बाद में दूध पीने से अल्सर के अलामत बढने लगते थे। फिर ये हकिकत सामने आयी कि दूध पेट में एसिड के इखराज को बढावा देता है, जो अल्सर के साथ जुडे जलन और दर्द को बढावा देते हैं। इसलिए जब तक डॉक्टर दूध पीने की सलाह न दें, अल्सर के मरीज़ों को दूध पीने से परहेज करना चाहिए।

ध्यान रखें अल्सर के मरीजों को ज्यादा देर खाली पेट नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे एसिड का इखराज बढता है जो आपकी तकलीफ को बढाता है।

गर्म मसालों की शिद्दत पेट के अल्सर को जल्द ठीक होने नहीं देते अल्सर की परेशानियो को और बढाते हैं। इसलिये जब तक अल्सर पूरी तरह से ठीक न हो जाए, गर्म मसाले से परहेज करें। हरी मिर्च या लाल मिर्च का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दें।

अल्सर के मरीजों को जितना ज्यादा हो सके पानी पीना चाहिए और ताजे मटे का इस्तेमाल करना चाहिए।