UP में बूचड़खाने बंद किए जाने से हजारों लोग बेरोजगार

यूपी के कुछ जिलों में बूचड़खाने बंद किए जाने से स्थानीय लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। बूचड़खाने को बिना किसी नोटिस दिए बंद किए जाने से लोगों में भारी नाराज़गी है।

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ख़बर के मुताबिक़ बूचड़खाने बंद हो जाने से हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी का खतरा पैदा हो गया है। उधर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अवैध बूचड़खाने के खिलाफ अभियान में कल अलीगढ़ में थाना गांधी पार्क पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच वाहनों में बेचने के लिए ले जा रहे 60 भैंसों को अपने कब्जे में ले लिया। इस कार्रवाई में 20 लोग भी हिरासत में लिए गए हैं।

वहीँ इलाहाबाद के प्राचीन बूचड़खाने योगी सरकार के सत्ता में आने के दूसरे दिन ही बंद कर दिया गया था। इस बूचड़खाने में स्थानीय जरुरतमंदों के अलावा निर्यात के लिए भी जानवर काटे जाते थें। लेकिन प्रशासन ने बिना किसी लिखित सूचना के पिछले 20 मार्च को बूचड़खाने में ताला लगा दिया।

अब कुरैशी समुदाय से संबंध रखने वाले व्यापारियों की मांग है कि कम से कम बूचड़खाने में स्थानीय जरूरतों को पूरा करने की अनुमति दे दी जाए। वहीँ बूचड़खाने पर मजदूरी करने वाले लोग भी काम न होने के कारण बेकार हो गए हैं।

हालांकि अब तक कोई राजनीतिक पार्टी बूचड़खाने को खुलवाने के लिए सामने नहीं आई है। लेकिन मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन का कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर जनता के सामने जाएगी।

उधर मेरठ में बूचड़खाने को लेकर सरकार की ओर से जारी किसी आदेश के बिना ही जिला और पुलिस प्रशासन की सख्ती से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों में भय और चिंता नज़र आ रही है। सूबे में मीट व्यवसाय से जुड़े लोगों की समस्यायें और मौजूदा माहौल को लेकर ई टी वी से ऑल इंडिया जमीयत अल कुरेश के प्रदेश अध्यक्ष हाजी यूसुफ कुरैशी ने चिंता जताई।

उन्होंने योगी सरकार से पिछली भाजपा सरकार की नीति को ही अपनाने की अपील की है।