तमिलनाडु का डॉक्टर हिंदी न समझने से था परेशान, फांसी लगा कर दे दी जान

तमिलनाडु के रहने वाले जूनियर रेजीडेंट  डॉक्टर ने हिंदी न समझ पाने की वजह से आत्महत्या कर ली ।  पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च((PGIMER) से डी कृष्ण आर नामक जूनियर रेजीडेंट पीजी कोर्स की पढ़ाई कर रहा था। उसने हॉस्टल के अपने कमरे के छत के पंखे से लटककर जान दे दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छात्र ने रविवार को अपनी मां को फोन कर घर वापस आने की इच्छा जताई थी। कहा था कि वह हिंदी नहीं समझ पा रहा है, जिसके कारण चंडीगढ़ में खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रहा है। मां ने कहा कि-मेरा बच्चा शुरुआत से ही चंडीगढ़ के माहौल की लगातार शिकायत कर रहा था, क्योंकि वह वहां के माहौल में खुद को ढाल नहीं पा रहा था। मां ने कहा कि हमने उस े समझाया कि मेरिट में सीट हासिल करने के बाद इस तरह घर नहीं लौटना चाहिए। मैने उसे कुछ समय और इंतजार करने को कहा, ताकि चीजें अपने अनुकूल हो जाएं।

मृतक छात्र के पिता रामासामी ने कहा कि वह चंडीगढ़ के माहौल से बहुत परेशान था। खासतौर से हिंदी न समझने की समस्या से ने उसे चिंतित कर रखा था। बातचीत के दौरान वह बार-बार हिंदी को लेकर अपनी परेशानी बताता। बता दें कि कृष्णा तमिलनाडु के रामेश्वर का निवासी था। वह डिपार्टमेंट ऑफ रेडियो डायग्नोसिस एंड इमेजिंग में जूनियर रेजीडेंट था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन से फोन से छात्र की आत्महत्या की जानकारी मिलते ही मां-बाप तमिलनाडु से चंडीगढ़ रवाना हो गए।